Book Title: Samkhitta Taramgavai Kaha
Author(s): H C Bhayani
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 287
________________ २७२ तरंगलोला १५०८.२. दुक्ख खु सेसणस्स, तु(?)गुणो १५०९.१. नण २. वंढुं १५१०.१. सेतश्चेमि १५११.२. सयण . १५१२.२. विज्जि ()यंमि १५१९.२. गणणवमा ° १५२१.२. व्वग्ग (8) तं १५२६.२. परभवे १५३२.१. मतिमज्जई २. जीवत १५३३.२. नक्क १५३५.१. जीवि १५३५.१. मव्वा १५४१.१. भणह १५४३.१. ऊ १५४४.१. ववण्णासय ने १५४८.२. मंडल १५४९.२. तवचरणकरेण विग्छ १५५०.१. कलुणमुवसग्ग; तिउ अगणंतो १५५३.२. सोगतिं नेइ १५५६.२. तेण पत्ता १५५९.१. वइय २. आभोकएच्छमवरि १५६०.१. ये वार बद्ध, मी वार नट्ठ २. सन्नेण १५६२.१. पंरत्था १५६३.१. भत १५६४.२. गहेन्वीया १५६८.१. व्वुट्ठविय १५६९.१. केण मि १५७५.२. तंतुतेण १५७६.१. सोदिय १५७८.१. हवयती १५८०.१. पिउरो, पुत्तो १५८१.१. समारूढो गओ, १५८२.१. निक्कंतारो य . १५९३.२. ऊरे'तु, जणो १५९९.२. न नयरि; ° मईसु १६००.२. घत्थ १६०७ १. सवग्मा १६.९.१. वा(र ?)णिजणो १६११.१. सिस्सी १६१३.१ तो जीए विणयवारो आवारो १६१५.१. पवित्तिणी १६१६.१. सुसमीए आसट्ठी १६१९.१. सरिसवमुं १६२०.०. सत्तई १६२४.२. विहरिसू १६२६.२. पचारणए १६२७.१. मए महं १६३२२. काहसु १६२५.१. जायमा १६३९.१. पविण्णिय'; २. जिणिहेसु १६४०.१. हाईय; भट्टनामो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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