Book Title: Samkhitta Taramgavai Kaha
Author(s): H C Bhayani
Publisher: L D Indology Ahmedabad
View full book text
________________
તરંગલાલા
९०८७.२. किनामओत्थ(3) १०८९.२. पुणो (वि) पिययमो १०९३.२. पाणिय तो(3) गाम१०९४.१. -बीजिथंगा य । १.९५.१. दीसंति; परिणद्ध-कंठेहि १०९५ २. उदग' वहंतीओ। १०१७.१. णे १०९७.२. पेच्छिउण(?) ११०२.२. पेच्छति ११०३.२. गहवइ११०४... पेच्छंता रच्छाय ११०५.२. कह व उइण्णा तय (?) ११०८.२. कहि(?) १११०.२. -करग १११२.१. मे १११४.२. भत्त-चिंत ते । १११५.२. तह चउत्थंभं । १११७.१. सम्म तीए १११७.२. .-सुण्हाए [राम-है पउम-] १११८.२. पक्के खित्तम्मि(१) ११२१.१. परम्मुही ११२१.२. अद्धत' संसिया ११२५.१. अंबा सब्वो बि मित्त
वग्गो य (2) ११२९.२. वेवाहि खमाहि ११३५.२. तहि ११३६.२. पच्चतमासयंती (2) ११४०.२. रहस्स-वयण ११४१.२. स-सह ११४९.१. गोसालय-(१) ११५३.१. देस-वयंसय-भूय ११५७.१. पडिजग्गित्था ११६०.१. -उच्छायण११६२.१. आणीय तो (2) ११६२.२. अहय धोय च ११६७.१. तो
११६७.२. अणेग-विहे जोग ० ११६८.२ पवहण-पट्टीए ११७१.१. इड्ढि-सभिद्धी ११७३.१.मित्त-घर११७५.२. आरुहइ पिओ १९७५.२. आमे य (आरामे) ११८१.२. जिणवर११८२,२. साहट्ठ११९७.१. -वित्थिण्ण१२००.१. जाण-काहण-वरगारूढा तयं १२१०.१. पवासाहिं १२११.१. गुरु-वयातिगे य(१) १२१३.२. [वा]हेण १२१४.१. अणु[म]या १२१५.१.-पय8 (2)१२१६.२. सच्च-विज्जो(2) १२१८.२. ° तुट्ट(3)१२२१.१. लज्जए निजतिया १२२२.१. • कुलेण समग्गो १२२२.२. अच्छए १२२३.२. निवडि[य]य म्हे (3) १२२७.१. °स(३)भासिओ १२२८.१. धाई य पुव्व-- १२३३.१. मजा १२३५.१. अज्जउत्तेण १२४०.१. त सफल -पुरिस [कार चोरं] १२४०.२. ° दाणे जेणग्ह १२४३.२. ° वायगाण १२४४.२. दिण्णम्ह(? म्ह) १२४८.१ पंच [य]: महव्वए १२४९.१. पुण्णे मणो १२५१.१ भूसणमाणेहिं १२५१.२. नियय१२५५.१. त्तिय (2) १२५७.२. जइ संपय ने १२५८.२. दाणि
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
![](https://s3.us-east-2.wasabisys.com/jainqq-hq/b745404973563136565670d603c72393eaa742f8a998e21ebb3c386fa5473c19.jpg)
Page Navigation
1 ... 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324