Book Title: Samkhitta Taramgavai Kaha
Author(s): H C Bhayani
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 285
________________ २७० तरंगलोला ११८९१. नएरीयमणुणकरंमि; अंतिवासस्स ११९०.२. भव्वजणो ११९१.२. सुरे ११९४.२. भूमीउए । पिउहर ११९५.१. विचरय २. कत्थडतं ११९६.१. निग्गा लिय २. पुण्का ११९७.१. वन्दणमीलाया ११९८.१. वन्नव ११९९.१. पडिक्यकम्मा १२००.१. सहण ; समणुगच्छे १२०२.२. ममंनेइ १२०३.१. दटुं ज १२०४.१. पवेसिनिकखमण १२०५.१. पुण्णाग; निम्मित्ता १२०७.१. सामंति १२०९.२. अवयासेवियः पम्मु . १२१३.१. बिते १२१४.२. भज्जा म १२२०.२. सुण्णमण्णोरह; समुत्तिण्णि १२२१ १. सजभिया १२२५.२. अहिपसणाह १२२७.२. एसंवग्गो पसु तत्थम्हं १२२८.१. धाइए २. लयाउज्जा ११२२.१. निङ्गारेणु १२३५.१. दोमि १२३९.१ सार १२४०.१. आएसेऊणं २. सुंतुष्भः दाणे १२४३.२. सुयंसुवणय २. ° पुच्चयाणंदा १२४४.२. दिण्णम्ह १२४९.२. तंचयनायम्बिलइट्ठसय । १२५०.२. वट्टमाणणी; ने १२५१.१, जएइ १२५२.१. अवट्टिय १२५६.१. पच्चागय १२५९.१. अणुविसन्तीए व हिययाए २. पराएतती १२६१.२. ब वहे १२६२.१. ढजिहिज्ज १२६७.२. जो ण होहियस्संय १२६८.१. पुव्व भ ते २. विच्छायेण १२७१.१. पमद्धं च; सा मया २. तुझ थिउचगं च १२७४.२. तुई १२७७.१. निव्वत्तिएव मेव्व । २. सवसो व्व १२७९.५. कई २. आणिज्ज भवाभिया १२८३.१. नियउ गहवईधरमिणमो १२८४.१. कटेण १२८९.१. ससिद्ध २. वरराय १२९१.२. कलिनिरंतर . १२९२.२. नाडया १२९३.२. एगंतरइ सत्ता १२९५.२. संवाओ १३.१.१. कोसग्धा १३०२.२. पच्चंअइ° १३०५.१. सिलोचठे २. हेठामुहो पक्तिं १३०७.२. जं नं वुत्तन्ति १३०८.२. अपरिगियरत्तरयणां निहि च १३१३.२. कीति १३१४.१. यामोक्खण ० १३१७ २. शो सवणरसायणमणोहर भा समणो १३२१.१. दव्वदन्वे १३२४.२. गुणो य व्वो १३२५.१ जो चट्टइ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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