Book Title: Samkhitta Taramgavai Kaha
Author(s): H C Bhayani
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 286
________________ तरंगलोला १३२७.१. नेयण २. इहा १३२९.१. सोयइ तीदेई १३३०.१. रसमामी य २. वुद्धियेरहिं १३३१.२. पउगे पवुरो १३३२.१. रत्तो बई १३३३.१. वज्झन्ती वहुपरेण १३३६.२. आगम्मा १३३८.१. मंगुलो; पमाओ १३४२.२. न मोयेवो १३४६.२. णवकम्म १३५८.२. उबभट्ठो १३६०.१. वच्चइ भ इतो २. मक्खो १३६१.१. वह १३६३.२. वंभपदलोग थूमिय त्ति वियत्ती य नामाई १३६५.२. तेण ता लिप्पइ १३६८.२. अणुसूसट्टि त्ति १३६९.२. जेताहणे १३७१.२. सुमिणो १३७२.१. जणक्यसामंतो २. कुलो १३७३.१. गरोहअग्गस्स १३७४.२. वाहक्कडि १३७५.१. सरसमंव्यसरुद्धि (ठि) २. व वईउ १३७६.१. पायरिय ० १३८७.१. जाय थाम १३८८.१. सुंठय पुट्टो १३९४.२. अराणसु १३९७.२. तुत्तो १३९८.२. च १४०६.२. वइयरे १४११.२. सणउण १४१५.१. आणी १४१६... ° वयाएसस्स १४१७.२. चापण स० १४१८.१. णईण १४१९.1. गुणसस्सविसुउ १४२३.१. तस्थ पारंगण ० १४२४.२. लेहाही उवण्णसिक्खिया ११२८.१. अक्खेयवसंवेच्छे ० १४३०.१. दोसेसित्ति; कुठुन्जिणि १४३१.१. मयमण १४३३.१. परिलुंचाराहि १४३६.२. वोग १४३७२. विणासयंगो १४४३.२. च अमुंच ० १४५१.२. विदत्तं तरागसिहुण १४५२.२. महापत्ता १४५४.१. वणगुण ० २. सा रक्खेते सा पल्लेण १४५५.२. रोइय १४५८.२. एयवंचं जमूळ १४६०.२. पुलिणतलवतीएतीआसिणि १४६१.२. कोयट्ठवयंसणएण कडणं भंडणामो १४६५.१. विण्णउ १४६६.१. दूरि य १४७१.२. गुणोम्मिय १४७४.१. निकिति १४७५.२ वंधणं १४७६.१. खण्डे १४७७.१. एचंव १४८३.१. पुण १४८७.२. छउवयपुष्कोवयाफलो' १४९३.२. मणाण १४९५.२. सूपा १५०४.१. पंचेदियतयं; सुहनिऊसण २. अज्झइप्प १५०६.२. सस्सुसंतु १५०७.२. तुष्भसिरीए तरि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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