Book Title: Samkhitta Taramgavai Kaha
Author(s): H C Bhayani
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 278
________________ तरंगलोला ३८५.२. पवेर घ(3)उहर ३८७.१. रहरसेरिनागए ३८७.२. उट्ठिए; उक्तओ ३८८.२. हियतालयं ३९०.२. जहाणुभूय सि कहि ३९४.१. अहला वि त तं पक्खं; घरावाससंति ३९४.२. सत्थबाहएयं ३९५.१. काही ३९८.१. एव ३९८.२. भइरा . ४०१.१. देवयप्पसाएणं ४०२.१. तीय सकारण ४०३.१. उवनिग्गया ४०५.१. उवोय °; . विसेसउरुण ४०७.२. अंग जल ४०९.२. निव्वुया हं पुन्हय । ४१०.१. नयरिमतीयं ४११.२. जोत्तावेइ य हंगमाणं ४१३.१. सुरिया, छुब्भे ४१३.२. अहिभद्देइ ४१५.२. निययाभिगारेसु ४१९.१. स्वतमा नया ४१९.२. त न य से ४२२.२. अइरयबद्धनेहेण ४२३.२. विक्खाय . ४२७.२. निद्दावणयणयणमुद्दा ४२८.१. सारेभियाए ४२९.२. सत्थममत्था ४३०.१. एव लोय. ४४०.१. सायतरंग ४४५.१. अकामा विस ४४५.२. दुहट्टा मि ४४८.१. ° सरल्लिबायाणं ४४९.१. कुसुमवण °; पउएसपरिवुठी ४५१.१. वा ४५३.२. सोसिया ४५७.२. समणुभूयं गि ४६०.२. लिहिया गा ४६३.१. दणे ४६४.२. धम्मोवगुहक ४६६.१. जे आओ ४६६.२. • भासेण १६८.१. भम्मिय ४७०.१. गदियभिः ४७०.२. चेरवरिया ४७२.१. कारेजणं ४७३.२. विवज्जियं च ४७४.२. देमो अहिंग ४७५.२. कुणिमो चाद ४७७.१. ° संजमो यण (उDसेसु ४७९.१. धुराणं ४८२.१. विकट्ठ १८२.२. ऊण आसि ४८३.२. समोत्थरूई ४८४.२. पडवच्छ ४८७.१. अणण्णममो ४९१.२. जीवियव्वयर ४९२.२. पडिमिणं सि ४९५.१. विसालधवल ४९५.२. वियलियस्स ४९९.२. पुच्छिहो ५००.१. विप्पण? ५.१.१.' नाम वि; ° वेसहीहिं ५०१.२. जह ते अहं ५०२.२. आसंगी ५०३.२. गहिच्छामि ५०४.१. हीहं ५१०.१. जिणवयंवाउ ५११.२. चत्थ घ ५१२२. पुट्ठ दोप ५१४.१. ओमसं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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