Book Title: Samkhitta Taramgavai Kaha
Author(s): H C Bhayani
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 245
________________ २३० तरंगलाला सो कोऊहल.नडिओ ५७६ सोकखस्स खणी ८८८ सोक्खं व पत्थणिज्जो ८८ सो गयण-गमण-पहिओ १९५ सोग-समुद्द-विगाढा ५८३ सो णे भय-परिवड्ढण° ९८६ से तुज्झ कहा° ७४४ सेा नियय-बाहु. १४३९ सो नियय-रूव ° ५५७ सो पट्टग उवगओ ५६० सो पुण सभाव ° ४९८ सो बीय-चंद-भूओ ५५६ सो भणइ एव भणिओ १०७७ सो भणइ एहि ८५१ सो मज्जिय-निवाओ ३२९ सो मज्झ रसिय ° २४६ सो मेह-रहिय° ५३४ सोम्मो य गुणावासो ९७ सो य पओसम्मि १४७७ सोयमइच्छिउण १२९७ सोयध्वय-दोहलिणीए २९२ सोल्लं वर-प्पसणं १३९३ सो वाय-वेग° ३२० सो सव्व-वाहि ° ४२५ सो साहिउ पयत्ता ६७ सोहग्गवई गहवइ २१ सोहंति एकमेक्का ९५१ ,, चकवाया २६३ हटेण बलिय° १५३४ हत्थ-गहिएकमेक्का ८०२ हत्थाभरण-विहणं ९३२ हत्थी य सो वयत्थो ४६० हत्थेण वि छुब्भंतो ३२४ हत्थे वि निद्धणंतो ३६१ हत्थोदगं च दिण्णं १८६ हम्मिय-तल-ओलोयण • ४६८ हय-लाला-पेलव ° २४७ हरिओसारिय० १११८ हवइ अणत्थासंगो २७६ हंतूण एक्कतरगं ९१४ , तरुणमिणमो ९७५ हाइय-पुरीय गच्छे १६४० हा कट्ठ किं णु भुलो ५८९ हा धिगु जुयलय ° १४०८ हा मज्झ पिए ५८: हा मज्झ सामिणि १२५५ हा हा नाह अपच्छिम ° ३६६ हियएहिं सुरय ° १२९० हिययम्मि निवेसिय° १५.४ हिंययं च मे पसण्णं ५८१ हिंडामि पुष्फ-मयरंद° २३३ होउ सुओ मे धम्मो ७० होज्ज व न व होज्ज ९२४ होही मे तेण समं ५०२ ખંડિત કે લુપ્ત ગાથાએ ४६३, ८९४, १११३, १३४८, १४१४ (43) ६७१-६७६ (सुप्त) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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