Book Title: Samkhitta Taramgavai Kaha
Author(s): H C Bhayani
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 244
________________ तरंगलोला २२९ सुभिणम्मि किर गया ५११ सुमुहुत्तकस्स तत्तो ११५९ सुयणु समागम-हेउं ८७३ ' सुह-बड्ढियाए १०३ सुंदेर-वद्धण-कर १९८ सूएइ अच्छि-रागो ४९४ सूयगडं च मयं १५१७ . सूरम्मि य अत्थमिए ४८६ सागर-समं सचित्त ५२८ सा तत्थ अणाबाहा २९ सा तत्थ नत्थि जुवती ५५८ सा मज्झदेस-लच्छी ९० सामा थण-जुयला ° १३९१ सामिणि मुयसु ४०१ सा य तुरियं पयट्टा ८५० सायर.कय-विद्धी १०५२ सायर-रंग-परंगिय ४४.. सारइय-तिक्ख ° ८८५ सारिय-जाल-कवाडा २१७ सावय-कुल-सय ° १४३१ सावय-गुणाण नियरो ९९ (सो) सासओ अजोणी १३२४ साहसु को भूयत्थो ११४५ साहस्सी चोराण १४३८ साहह मे भूयत्थ २७४ सा ह जलभ संकास' ३०१ साहामि सा वि होही १२५८ साहेह अणुवरोहेण १३७० सिद्धी सिद्धि-क्खेत्तं १३६३ सिर-बिरइय-कर ° १३१० सीलेण विसुद्धाण १२७६ सोसे निवेसिय° १५२५ सीसेण पडिच्छेऊण १३१५ सुकुमाल-जणु-ग्गीवा ५६७ सुकुमाल-पाणि ° ४२ सुकुमालिया १२८० सुक्खत-सरस ° १३७४ सुदछु कया पउम-सरा ५६२ , वि दीह (१) ५०४ , वि सरयाईया ५६३ ,, हु मुणिय १७१ सुण सहि ते साहेमी २८३ सुभ-जोगो देव-गतिं १३३५ सुमिणंतर-दसण ० १.१७ सेट्ठि-भवणम्मि कण्णा ११२७ सेट्टिस्स उसभ० ६१० " , ७१२ , मया सिट्ठ १२६० सेणावइ-वयणेण १४५२ सेसा वि य तरुणीओ १६३७ सो अण्णत्तो मुंचइ १३३३ सो आगासे १३६७ सो उ समतिच्छिएहिं ६९७ साऊण एयमत्थं १२७१ ,, तस्स एयौं ११८२ . ,, पल्लि-रच्छा ९५४ पिययमेण ८६४ . य त तीए १४७१ . ,, य वुत्तंत १२३५ ,, य सा एवं १६३४ सारसिया ३९८ बवसिय १५४४ समुल्लावं १२५ सो एव गहिय° ६०७ सो एव जपमाणो १००३ " , १०७८ ,,, रायमग्गे १२१७ सो एव विलबमाणो ५८८ सो एस चक्कवाउ १२१३ सो किर पुहईवाहो ६४४ सो किर हिमवंत ° १४९. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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