Book Title: Samkhitta Taramgavai Kaha
Author(s): H C Bhayani
Publisher: L D Indology Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 240
________________ तरंगलोला बाहइ म उउ.चंडो ४५७ बाह-पकंपिय ० १५२२ बीय अविणासंतो १३८७ बीहेमि य त कई ३४७ बेमि य णं पंजलिया ११८४ ,, य पसंसयंती ६८४ बेइ य ता महिलाओ ४१२ बेहि तुम मह ७४२ बेहि य ता सारसिए ६६० बेति य करयल ६२ भग्गा तत्थ पईओ ११०० भगई जइ वहइ १०६० भणइ य कह ताव ८७२ भणइ य म रोयंती ३९९ ,, य म रोयंतो १००१ भणहि य दुक्ख ° १५४१ भणिऊण पाय ० १६३१ भणिओ य एहि १०७३ भणिओ य तकरी १००६ ,, य पिययमेणं १३६९ र य सत्थवाहो ११२९ भणिय च णेण ६१३ , च तेण कीस १२६८ भणिया य कप्प० १६१२ ,, य गाढ ० ८३० ,, य चेडिया १२५० ,, य मए ५३७ भई सरस्सईए ३ भमर-गण-दरिय° १४८८ भमरा-रिभिय-मणोहर° २४२ भरिया य वच्छ-नयरी ११३३ भवणवर-पडिदारे ८०७ भवणवरम्मी सतुलि(3) ४१७ भवणिट्ठि-विलास ७४७ भव-पच्चइए देह' १३४९ भवियव्वया अम्ह १०६४ भंति पुप्फ-गोच्छे २२८ भाउज्जाया य अहं १२०३ भाउज्जायाहिं समं १२९ भागीरहीए पुलिणे १०३९ , मज्झे ८९६ भाणीय गहवई १६०० , चित्त-पट्ट ७२६ , सत्थवाहो ६४५ भाणियह तहिं केई ९५० भावि-सिणेह ० ५३२ . भिसिणी-कुंकुम-अच्चा ३१० भुवणस्स बंदणीया ७३ भूमि-सयणा निसण्णा ५०८ भूमी-काल-प्पभव १६० भूसण रहिएसु ४७ भेत्तण मुद्दिय त' ७५२ भोगा खणमेत्त-सुहा 1५६५ भो मित्ता न वि भुल्लो ५९० भोयण-ग...वहत्थ १८७ मग्गिज्जज्ञ मे ११३० मग्गिज्जतो दुक्खं १५७९ मजण-जेमण ° ४३९ " , ११५७ " , १२९२ मज्जाणि (१) सोहणाणि १७६ मज्जामि पसाहेमि १४५ मज्झ कएण मयाए ९१७ , च कए हीरंतिं ९१८ मज्झय(१)-विणासय १४२५ मज्झ वि अणुग्गहं ६८५ मज्झं च देइ ताओ १४६ मणमणस्सराइ य(5) ७१७ मण वयण-काय-जोगे १३३८ मणि-मुत्त-वइर ० ८५७ मणि-रयण धाउ ० ५६० मयरद्धय-पसाएण ७६० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324