Book Title: Samkhitta Taramgavai Kaha
Author(s): H C Bhayani
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 230
________________ तरंगलोला २१५ गाढयर बाहिं ९९४ गिण्हति य सविसेसे १९७ गिण्हति विविह-रागे १९६ गिरि-कोलब° ९४३ गुरु-गुरु-गुरुस्स ३८२ गूढं पि अच्चमाणाई ८४० गोउल-पयार-मलिया १०८३ गो-महिला-बंभण ° ९८८ घरिणीए वि य ६४ धित्तण कंठ-हारो ४१८ चक्काय-जमल-जूहाई २९८ चक्काय-जुयल-पेच्छण ° ३८ चक्काय-जुबलय ° ५६४ चववावल्लय ० ८६८ चंडाल-मुट्ठिय ° १३५३ चंदण-रस-परिसित्तं ३४५ चंदो चंदण-पंको १२९६ चंपाए अवर ° १३७२ पा नाम पुरवरी १४५९ चित्त जरो(?) मणहारि ५७५ चित्तेण इमं मण्णे ७७४ चिर-परिचिय • ८७६ चिता-वेयण-सण्णा १३२७ चिंतिज्जमाण-कामो ७१३ चिंतेभि अण्ण-पुरिसं ५२३ चिंतेमि उ पुरिस १४१२ चिंतेमि किं नु १०९६ चिंतेमि खीण-दव्वा ११३६ चिंतेमि य तत्थ मह १२५७ चिंतेमि होज्ज विग्घो ७३७ चेडीए वयण-कमलं ६३५ चेडीए समं कयली° ४०३ चोर-गण-सुहासंगो १४३७ चोरेहिं य रयणाण १४५१ छउउय-पुष्फ ° १४८७ छण-दिवसेच्छण ° १११५ छत्तीस पि समत्ता १५१४ छप्पय-गण-पय • १६८ छारोसहि-जोगेहिं १५५ छंदेण सत्त्व-सारं ९२७ जइ एव ववसिय ९२१ जइ काम-सरुद्दविओ ६५५ जइ गहवइ न दाही ६२० जइ गहवइस्स ७३१ जई चक्वाय-जाती० ६६४ " , ,, ७१४ जई ता तिरिक्ख-जोणि ६५६ जई ताव एरिसं ४६ जइ ताव कूर-कम्मो १५.३ जई नर(?) अण्णं देसं ८४६ जइ न विहत्थिहिसि ५०३ जइ नेच्छह विणिवायं १५३१ जइ पिययमस्स ७९५ जइ मे कहिं चि वि ५९९ जइ मे होज्ज कहंची ३९२ जइ वि उवायारद्धा ७७९ जइ वि न दाही सेट्ठी ६१८ जइ वि य रइ० १५४७ जइ वि विकुरुव्वमाणा ५२ जइ वि समत्था ९१२ जई वि हु होज्ज ९१५ जइ से जाती सरिया १२७९ जइ होज्ज समावत्ती° १०७४ जइ होही आयाओ ४९२ जत्तो चेव य अच्छं ८१८ जत्थ धयरटु-सारस ° २९९ जत्थ य पिय-वल्लाणो(?) १३०० जत्थ य मणोभिरामे १४२० जत्थ य रंगण(?) १४२३ जमिण दक्षिण-फूले ९०३ जम्मण-मरण-तरंग १५९७ जम्मण-मरणाबत्त १५०७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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