Book Title: Sachitra Sushil Kalyan Mandir Stotra
Author(s): Sushilmuni, Gunottamsuri
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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आचार्य श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वर जी महाराज, लघुता में प्रभुता के असाधारण र * उदाहरण हैं। आपकी प्रत्येक क्रिया, चेष्टा तथा सर्जना सरलता, विनम्रता एवं विशुद्ध साधुता से %
ओतप्रोत होती है। आपकी यह कृति अपनी शुद्धता, पवित्रता के कारण अनुपम है। जैन संस्कृति में भी मन्त्र-तन्त्र-यन्त्र का प्रभाव बहुशः दृष्टिगोचर होता है। 'विद्यानुवाद' नामक ग्रन्थ मन्त्र-तन्त्र का उत्कृष्ट ग्रन्थ माना गया है किन्तु सम्प्रति वह अनुपलब्ध है। 'लघुविद्यानुवाद' जैनतन्त्र आदि कुछ ग्रन्थ प्रकाश में आए हैं किन्तु संस्कृत का यथार्थसंज्ञान एवं मन्त्र-तंत्र-यंत्र के परिनिष्ठित परिज्ञान के अभाव में अनेक भूलें दृष्टिगोचर होती हैं। अतः उनकी शुद्धता संदिग्ध है। चिरकाल से यह अपेक्षा थी कि जैन मन्त्र-तन्त्र-यन्त्र की परम्परा में कोई शुद्ध एवं असंदिग्ध प्रकाशन उपलब्ध हो, जिसकी पूर्ति आचार्यश्री के स्तोत्र, मन्त्र-यन्त्रों के माध्यम से हो रही है, इसकी मुझे प्रसन्नता है।
आचार्यश्री संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी तथा गुजराती के अधिकारी विद्वान् मनीषी हैं तथा परम साधक, महातपस्वी भी। अतः आपकी प्रतिभा से प्रसूत कृति की शुद्धता में कोई सन्देह नहीं है।
यहाँ मैं यह लिखते हुए गौरव का अनुभव करता हूँ कि आचार्यश्री की साहित्यिक यात्रा में सहयात्री हूँ। आप, प्रत्येक छोटे-मोटे साहित्यिक एवं तात्विक विषयों पर मुझसे अवश्य परामर्श करते हैं। मैं अल्पज्ञ भला उन्हें क्या परामर्श दे सकता हूँ तथापि उनकी महती कृपा है कि वे मुझे उत्कृष्ट सम्मान प्रदान करते हैं।
आपके स्वनाम धन्य शिष्यरत्न आचार्यदेव श्रीमद् विजय जिनोत्तम सूरि जी म. सा. भी आपके चरणानुगामी हैं। जिनशासन सेवा के महनीय कार्यों में सतत् व्यस्त रहते हुए भी
गुरुसेवा, गुरुसाहित्य प्रकाशन को आप विशेष महत्त्व देते हैं। अतः 'श्री सुशील कल्याण मन्दिर o स्तोत्र' ग्रन्थ प्रकाशन की मंगल वेला में आचार्यश्री जिनोत्तम सूरि जी महाराज कृतज्ञता ज्ञापित करना चाहता हूँ।
अन्त में कृति एवं कृतिकार की यशस्विता की मंगल-मनीषा के साथ 'श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र' सुविज्ञ, भक्त पाठकों के कर-कमलों में अग्रसारित करता हूँ |
। महाराज के प्रति भी
कवियशः प्रार्थी -आचार्य शम्भुदयाल पाण्डेय व्याकरणाचार्य, साहित्यरत्न (एम.ए. शिक्षाशास्त्री)
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