Book Title: Sachitra Sushil Kalyan Mandir Stotra
Author(s): Sushilmuni, Gunottamsuri
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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अभीष्ट कार्यसाधक मन्त्र एवं यन्त्र
मन्त्र : ॐ ऐं ही अहँ नमः पार्श्वनाथाय। प्रयोग-विधि : साधक शुद्ध भाव से निम्नलिखित अभीष्ट कार्यसाधक यन्त्र की
स्थापना सम्मुख काष्ठफलक पर करने के पश्चात् श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र के अड़तीसवें श्लोक के २१ बार मंगल पाठ से प्रभु पार्श्वनाथ का मंगल ध्यान-स्मरण करें। तत्पश्चात् । मरकतमणि की माला से उक्त मन्त्र का जप करें । ५२ हजार जप से मन्त्र-सिद्धि जप-सिद्धि होती है। तत्पश्चात् आवश्यतानुसार एक माला जप से अभीष्ट-कार्य सिद्धि होती है।
-यन्त्रमॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
अर्ह
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नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
नमः
: Halpalhe
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