Book Title: Sachitra Sushil Kalyan Mandir Stotra
Author(s): Sushilmuni, Gunottamsuri
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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ग्रह-पीड़ा निवारक मन्त्र एवं यन्त्र
मन्त्र : ॐ ह्रीं श्रीं अहँ अर्ह ग्रहबाधा निवारय वारय स्वाहा। र प्रयोग-विधि : साधक पीतवस्त्र धारण कर निम्नलिखित यन्त्र को काष्ठपीठ पर
सम्मुख स्थापित करके पूर्वाभिमुख होकर सर्वप्रथम श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र के छब्बीसवें श्लोक से २१ बार पाठ कर प्रभु पार्श्वनाथ का ध्यान करें। श्लोक का शुद्ध लयात्मक उच्चारण अनिवार्य है। तदुपरान्त उक्त ग्रह-पीडा निवारक मन्त्र का जाप कमलबीज माला से करें । २१ दिन तक पाँच-पाँच माला जप करने से ग्रह-बाधा का निवारण हो जाता है।
-यन्त्रम्ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ग्रहपीडां
खेचरबाधां
अर्हम्
अर्हम्
अर्हम्
अर्हम्
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
अर्हम्
अर्हम्
निवारय
(निवारय
श्री.
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