Book Title: Sachitra Sushil Kalyan Mandir Stotra
Author(s): Sushilmuni, Gunottamsuri
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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वृष्टि निवारक मन्त्र एवं यन्त्र ) * मन्त्र : ॐ ही अर्ह श्री अतिवृष्टिं निवारय निवारय हूँ हूँ हूँ फट् स्वाहा। * प्रयोग-विधि : साधक, त्रिकरण शुद्धिपूर्वक निम्नलिखित यन्त्र को रेशमी वस्त्र से है
आच्छादित काष्ठपीठ पर सविधि श्रद्धापूर्वक स्थापित करें तथा पूर्व दिशा में मुख करके श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र के बत्तीसवें श्लोक का लयात्मक २१ बार पाठ करके प्रभु पार्श्वनाथ का सादर ध्यान करें । तदुपरान्त रुद्राक्ष माला से जप प्रारम्भ करें। ५१ हजार माला जप करने से जप-सिद्धि होती है। जप-सिद्धि के पश्चात् मात्र पाँच माला जपने से अतिवृष्टि निवारण होता है।
-यन्त्रम्ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
अतिवृष्टिं
निवारय
अहम
अर्हम
अहम्
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
अहेम
अर्हम्
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