Book Title: Sachitra Sushil Kalyan Mandir Stotra
Author(s): Sushilmuni, Gunottamsuri
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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मन्त्र
स्फूर्तिप्रदायक मन्त्र एवं यन्त्र
: ॐ ह्रीँ अर्ह अहं नमो वीतरागाय परमप्रबोधकराय पार्श्वनाथाय. नमः स्फूर्तिदायिने ।
प्रयोग-विधि : मानसिक, वाचिक, कायिक शुद्धि सहित साधक शुद्ध वस्त्र पहनकर निम्नलिखित यन्त्र को सविधि सम्मुख स्थापित करके श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र के पच्चीसवें श्लोक के २१ बार मंगल पाठ
प्रभु पार्श्वनाथ का ध्यान करें ।
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
तदुपरान्त उक्त मन्त्र का जप प्रवाल-माला से करें। सवा लाख जप से जप-सिद्धि होती है। इससे स्फूर्ति प्राप्त कर साधक, उत्तम कार्यों में सर्वत्र सफल होता है ।
स्फूर्ति
देहि
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- यन्त्रम्
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
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नमो
वीतरागाय
प्रबोधं
अर्हम्
देहि
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
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