Book Title: Sachitra Sushil Kalyan Mandir Stotra
Author(s): Sushilmuni, Gunottamsuri
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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संसारभयनाशक मन्त्र एवं यन्त्र
मन्त्र : ॐ ही ही ही अहँ अर्ह अहं भव भय भंजकाय भवोदधितारकाय यं
रं लं ठः ठः स्वाहा। प्रयोग-विधि : शारीरिक शुद्धि के उपरान्त, शुद्ध भावना से निम्न यन्त्र को सम्मुख
स्थापित करके पूर्वाभिमुख होकर श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र का दसवाँ श्लोक २१ बार पढ़कर प्रभु पार्श्वनाथ जी का सविधिध्यान करें। तदुपरान्त उक्त मन्त्र का जप करें । मन्त्र-जप का प्रारम्भ जप-सिद्धि के लिए गुरुपुष्य नक्षत्र के शुभ मुहूर्त से करें । यह जप प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में एक माला से किया जा सकता है। एक माला जप करें। शुद्ध भावना से सवा लाख जप होने पर सिद्धि होती है।
-यन्त्रम्। ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
अहें
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
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