Book Title: Pyara Khartar Chamak Gaya Author(s): Manoharshreeji Publisher: Jin Harisagarsuri Gyanbhandar View full book textPage 5
________________ काम दे जाते हैं। हमारे जीवन में नई रोशनी एवं खुशियाँ आ जाती है, प्रसन्नता के झरने हमारे जीवन में झरने लगते हैं, आल्हादकता की नई कृषि हमारे जीवन में लहलहा उठती है । हमें निर्णय करना है कि वे निर्णायक घडियां कौनसी है । शास्त्रकार फरमाते है कि पूज्य गुरुदेवों के पावन श्री चरणों में व्यतीत चन्द क्षण भी हमारे जीवन की दिशा का निर्धारण करने में सक्षम है, ओर ये घडियां, ये क्षण, ये जीवन निर्णायक पल, जीवन उन्नायक कल, पद यात्रा संघ में हमें सुलभता से प्राप्त होते हैं। एक बार सही दिशा की सम्यक् संप्राप्ति होने के पश्चात् फिर जीवन में ज्वारभाटा नहीं रहता, जीवन में भटकावों की इति श्री हो जाती है। और भटकन समाप्त हुई कि जीवन गहरी ऊचाईयों की ओर अग्रसर हो जाता है, ओर होता ही रहता है तब तक, जब तक आत्मा परमात्मा नहीं बन जाता, संसारी मुक्त नहीं बन जाता। और सही दिशा प्रबुद्धों के सानिध्यता के अभाव में संप्राप्त होना दुष्कर है। हमें गर्व है कि इस पदयात्रा संघ को जिन्होंने अपनी निश्रा प्रदान की, वे प्रबुद्घ गुरुदेव श्री कान्तिसागरजी महाराज साहब गहरी सरलता से स्थान-२ पर शानपिपासुओं को सही दिशा प्रदान करने में सक्षम रहें। एक अन्य दृष्टिकोण से यह पदयात्रा संघ जैन धर्म के तत्वों के प्रचार प्रसार के लिये सिद्ध साधन परिलक्षित हुआ । मार्ग में आये प्रत्येक छोटे-बडे, ग्राम शहर के Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.comPage Navigation
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