Book Title: Pyara Khartar Chamak Gaya
Author(s): Manoharshreeji
Publisher: Jin Harisagarsuri Gyanbhandar

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Page 4
________________ ओर उस शुभ घडी ने मानव जीवन में प्रवेश किया, जिस पावन घडी में स्फुरणा स्व-लक्ष्य की ओर गति बढाने में प्रथम कदम रख रही थी। माघ सुद १५ के दिन प्रातःकालीन शुभ मुहूर्त में "बाडमेर से पालीताणा पद यात्रा संघ" का जैन न्याति नोहरा, बाडमेर से प्रस्थान हुआ । नगर के बाहर विदाई समारोह का भव्य आयोजन ३०,००० जनता के मध्य हुआ, जिसकी अध्यक्षता बाडमेर जिलाधीश श्री फतहसिंहजी चारण ने की एवं मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान के कमिश्नर श्री देवेन्द्रराजजी मेहता पधारे थे। पुलिस अधीक्षक, डी. आई जी., आई. टी. ओ, आदि एवं बाहर से पधारे अन्य कई महानुभाव आदि गणमान्य व्यक्तिओं मध्य हुआ, विदाई समारोह नगर के लिये अति आकर्षक एवं अभूतपूर्व था । हाथी. घोडे, ऊंट, निशान, नगारे. शिखरबद्ध जिनालय, मांगलिक वाद्ययंत्र आदि अनेक शोभा सामग्री से सुसज्जित श्री संघ ने प्रयाण किया । और नियमित रुप से नियत मंजिलें तय करता हुआ क्रमशः लक्ष्यपूर्ति की ओर अग्रसर होने लगा। पद यात्रा संघ अपने आप में गंभीर महत्व रखता है। केवल धार्मिक जीवन में ही नहीं अपितु सामाजिक, शारीरिक एवं आध्यात्मिक जीवन में भी अपना स्वतंत्र दृष्टिकोण रखता है। धर्मशास्त्रों में जहाँ तहाँ पद यात्रा संघ की अनिवार्यता को उद्घोषित किया गया है। ___ जीवन में कुछ घडियां ऐसी भी जाती है. जो हमारे संपूर्ण जीवन को नई दिशा प्रदान कर देती है, ऐसे निर्णायक क्षण जो संपूर्ण जीवन के लिये रोशन मीनार का Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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