Book Title: Pyara Khartar Chamak Gaya
Author(s): Manoharshreeji
Publisher: Jin Harisagarsuri Gyanbhandar

View full book text
Previous | Next

Page 33
________________ २३ आनन्द विभोर बनी है जहां, अथक अमाप उत्साह रहा हर्षसागर में डुबकी लगाकर ऐतिहासिक यात्रा प्रवाह बहा २२८ स्वयंसेवक सुन्दर ढंग से, व्यवस्थित जुलूस बनाये रखे अभूतपूर्व कान्ति मनोहर स्मृतिपट अंकित जीवन्त बने २२९ अब विराम का प्रथम स्थान माधोलाल में सुमति जिनालय कान्ति स्वर में प्रभु स्तुति पश्चात प्रदक्षिणा तीन वलय २३० चैत्यवंदन विधि दर्शन करके चले गुरु स्थल हरिविहार स्वर्गस्थ हरि गुरुवर सन्मुख भेट कान्ति श्रद्धा का हार २३१ हरिसागरसूरि ज्ञानमंदिर में नूतन निर्मित हाल का द्वारोद्घाटन किया केवलचंदजी खटोड मद्रास का २३२ हरि विहार शान मन्दिर में जुलूस सभा का रुप लिया सचोट प्रवक्ता आचार्यप्रवर की वाणी ने मंत्रमुग्ध किया २३३ महत्व है क्या!संघयात्राका, सामाजिक धार्मिक आध्यात्मिक संक्षिप्त विवेचन सुन्दरतम, सिद्धगिरि के परमाणु सात्विक २३४ महासंघपति भंवरलालजी सर्वोच्च बोली में लाभ लिया श्री जिनहरिसागरजी की मूर्तिको विराजमान किया २३५ मुख्य अतिथि तथा संघपतियों का हुआ सन्मानजी संघशिरोमणि पूज्यवरको चादर ओढाये राक्यानजी २३६ सभा विसर्जन पूर्व किया गया घोषित निर्णित कार्यक्रम गाम धुआड़ा बन्द आज है फले चुनड़ी का आयोजन २३७ धर्मनिष्ठ मणिलालजी डोसी, समाजसेवी उदारमना फले चुनड़ी का लाभ लिया है संघ स्वागतार्थ कृत पुण्यघणा २३८ दोपहर में संघ की बैठक सन्मान समारोह रात्रि में सभा विसर्जित हुई स्वयं सेवक जुटे है खात्रि में २३९ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44