Book Title: Pyara Khartar Chamak Gaya
Author(s): Manoharshreeji
Publisher: Jin Harisagarsuri Gyanbhandar

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Page 34
________________ २४ मिलापचन्दजी गोलेच्छाजी निष्टातः कार्यमग्न बने सराहनीय सहयोग दिया है सहर्ष श्री हीराभाई ने २४० अविरत परिश्रम के कारण आयोजन सब सफल रहे सहयोगी काकुभाई ओर बालुभाई उस वक्त रहे २४१ सफल आयोजन फले चुनड़ी का जनजन में चर्चित है। महापुरुषों की शक्ति में ही ये विराट् कार्य संभवत है २४२ गुरु गौतम की लब्धि निधि दादागुरुदत्त कुशल कर्ता गौरवमयी परंपरा हरि की विस्तृत रश्मि कान्ति वरता २४३ तृतीय प्रहर शान मंदिर खरतर गच्छीय सम्मेलन राक्यानजी की अध्यक्षता में महासंघ विचार मिलन २५४ अध्यक्ष महोदय ने महासंघ के उद्देश्य को बतलाया संगठन में सहयोग अपेक्षित युगकी मांग समझाया २४५ शिक्षासमिति रिपोर्ट को किया आतमजी ने प्रस्तुत पारसमलजी के विचारों में दर्शित गुरुभक्ति का पुट २४६ कुशल जन्म शताब्दी आगामी फाल्गुन में मनाने को मार्गदर्शन सहयोग देंगे अपने गढ़सिवाना को २४७ बाडमेर कलकत्ता बालाघाट बड़ोदरा वासी आगन्तुक गणमान्य जनो ने समयोचित भाव प्रकाशी २४८ छत्तीसगढ़ मनोहरश्रीजी का सुन्दर आह्वान रहा तन मन धन से गुरु भक्ति में जुट जाए यह सारा जहां २४९ विदुषी साध्वी हेमप्रभाश्रीजी का प्रेरक उद्बोधन अतीत पृष्ठ खरतरगच्छ की वर्तमान स्थिति का शोधन २५० मणिलालजी ने बतलाये प्रगति स्थाई कोष की रकम बढ़ाई कई लोगों ने वर्धित राशि उद्घोष की २५१ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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