Book Title: Pyara Khartar Chamak Gaya
Author(s): Manoharshreeji
Publisher: Jin Harisagarsuri Gyanbhandar

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Page 40
________________ ३० संघमाल गिरिराज की यात्रा में अपूर्व दादा गुरुदेव की पूजा में भक्तिरस धार हर्षपूर्ण पूर्णाहुति के पश्चात सभी नीचे आए आयोजित स्वधर्मी भक्ति व्यवस्थित अनुकुलतार ३०९ फिल्म दिखाई गई रात्रि में हरि बिहार के हाल में मणिधारीजी अष्टम शताब्दि उत्सव आया ख्याल में ३१० बिदाई आनन्द रहा अखंड बहा ३०८ सद्गुण माला संघ विशाला, आकर्षक जादु डाला उज्ज्वल पृष्ठ निर्मित इतिहास की जड़ित शब्द मणि माला ३११ अमरगान का दृश्य आखिरी विदाई की तैय्यारी सावन भादो की वर्षा से भीगा मधुर हृदय क्यारी ३१२ नवपल्लवित संघ उपवन स्मृति दीप कभी ना बुझ पाये M नियमाबद्ध हुए नरनारी, अनुमोदन कर हर्षाये ३१३ संघयात्री सेवाभावी जन सामान्य सेवक वर्ग सभी यथायोग्य सन्मान सभी का महासंघ ने किया तभी ३१४ प्रसन्नता और विरह दग्धता दोनो अनुभव साथ लिये मंगलवाणी गुरु मुख से सुन यात्रीगण प्रस्थान किये ३१५ महासंघ निश्राप्रदाता पू. गुरुदेव अनुयोगाचार्यजी म. सा. की संक्षिप्त जीवनी महासंघ निथादाता गुरुदेव जीवन परिचय प्रेषित जन्मभूमि राजस्थान रतनगढ़ उन्नीस सौ अड़सठ संवत ३२६ एकादशी माघकृष्णा सोहनदेवी मन हर्षाया सिंधी मुक्तिमलजी कुलदीपक जन्मोत्सव मनाया २१७ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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