Book Title: Pyara Khartar Chamak Gaya
Author(s): Manoharshreeji
Publisher: Jin Harisagarsuri Gyanbhandar

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Page 30
________________ मन मोहक सुन्दर मेलाका,धन्य दिवस निकट अब आने लगा महासंघ का स्वागत करने सभी लोगों का भाव जगा १९३ सिद्धगिरिवासी सभी कौमो ने करदी तैयारी प्रारम्भ अभूतपूर्व हो स्वागत जिसे देख पाए दर्शक अचम्म १९४ ग्यारह किलो मीटर में, आए हजारो नर नारी स्वागतार्थ गुरुदेव संघके मनमें प्रसन्नता भारी १९५ गुरुकुल मेंस्वर्णिम सूर्योदय आज हुआ, धन्य दिन है प्रतीक्षित मनोहारा पालीताणा यशोविजय गुरुकुलमें, संघ विराजित शनिवारा १९६ गुरुकुल प्रांगण में ठाठ रहा, विभिन्न कार्यक्रम से उसदिन गुरुपूजन संघपूजन प्रसंगानुरुप पूज्यवर उद्बोधन १९७ विभिन्न प्रान्त देशभरके हजारो जैन बन्धु आए बस कारों की कतार लगी शासन शोभा को बढ़ाए १९८ विस्तृत प्रांगण संकीर्ण बना, जन समूह के आगमन से । साधर्मी वात्सल्य उपरान्त रात्रि आनन्द प्रवर्धित गायन से १९९ बाड़मेर आहोर और मद्रास मंडल की गीत कला प्रभु भक्ति में मस्त बने, विभिन्न वाद्य बजे तबला २०० ऐतिहासिक प्रवेश चैत्री शुक्ला शुभ दिन सातम, इतिहास समृद्ध बनाया है शासन सरताज कान्तिसारजी, पैदलयात्री संघ लाया है २०१ ऐतिहासिक प्रवेश महोत्सव की पुनीत घडियामन भावन है प्राची ने लाली बिखरायी अद्य उषा धन्य पावन है २०२ लाखों भक्तो के अंतर में, आनन्द उर्मियां उछल रही अलकापुरी सम सजित नगरी मन ही मन मचल रही २०३ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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