Book Title: Pyara Khartar Chamak Gaya
Author(s): Manoharshreeji
Publisher: Jin Harisagarsuri Gyanbhandar

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Page 16
________________ . चातुर्मासिक कार्यक्रमसावन की रिमझिम वर्षाने प्रकृतिको सुन्दर रुप दिया । व्यास्यानवाचस्पति की वाणी, प्रवृति शोधन बोध किया ४९ परमेष्ठिपद जापस्काइलैब के खतरे से, भयग्रस्त बनी जनता सारी पंचदिवसीय परमेष्ठीपद विश्वशान्ति अप हुआ भारी ५० आढ़पीड़ित सहायताद्वितीय संकट था हृदयमेदी लुणी नदी मे प्रवाह बढा बाड़मेर नगर के गांव नगर सैकड़ो पर आफत आन पडा ५१ करुणासागर ! दयनीय स्थिति का संघ को भान कराया आत्मवत् सर्वभूतेषु, महावीर सन्देश सुनाया ५२ महत्वपूर्ण यह कार्य संघ का संतप्त शांति पहुंचाना खाद्य सामग्री वस्त्रादि बाढ़पीडित किया प्रदाना ५३ भगवती सूत्रवांचनश्रुतभक्ति हेतु भव्य जुलूस, भगवती सन्मान बढ़ाया श्रीसंघ के आग्रह पर प्रबुद्ध, भगवती सूत्र सुनाया ५४ शंकराचार्य कृत प्रश्नोत्तरी पे प्रवचन किया प्रारंभ जैन जैनेतर श्रोतागण, संख्यातीत करते अचंभ ५५ सार्वजनिक प्रवचनरक्षाबन्धन पर सार्वजनिक प्रवचन जन मानस भाया जनता के आग्रह से गुरुवर द्वितीय प्रोग्राम बनाया ५६ पन्द्रह अगस्त जन्माष्टमी को, छात्रावास में उद्बोधन "मानवधर्म को कृष्ण की देन" जनप्रिय विषय का शोधन ५७ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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