Book Title: Pyara Khartar Chamak Gaya
Author(s): Manoharshreeji
Publisher: Jin Harisagarsuri Gyanbhandar

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Page 10
________________ निवासी श्री हीरालालभाई आदि ने इस कार्य को सफल एवं सश्रेय बनाने में जो उत्साह व तन्मयता बताई उसका दूसरा उदाहरण मिलना मुश्किल है। उसी दिन अ०भा०ख० महासंघ का स्नेह सम्मेलन था जिसमें कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किये गये। द्वितीय दिन मालमहोत्सव विविध कार्यक्रमों के साथ सुसंपन्न हुआ। बोली बोलकर प्रथम संघपति श्रीमान् कम लसिंहजी दुधेडिया, कलकत्ता को श्रीमान् शंभुमलजी रांका, व्यावर वालोंने माला पहनाई। दोपहर को ऊपर मूल टुंक में दादासाहेव श्री भव्य पूजा पढाई गई। इस प्रकार पूरे भारत में यशस्वी बना पदयात्रा संघ एक ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व घटना बनी, जो इतिहास में अविस्मरणीय रहेगी। -~-मुनिश्री मणिप्रभसागरजी इति समाप्तम् Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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