Book Title: Pravachan Sudha Author(s): Mishrimalmuni Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur View full book textPage 9
________________ अनुक्रमणिका क्रम संख्या देव तू ही, महादेव तू ही नमस्कार मत्र का प्रभाव जातीय एकता एक विचारणा उदारला और कृतज्ञता पापो की विशुद्धि का मार्ग आलोचना आत्म विजेता का मार्ग मन भी धवल रखिए। स्वच्छ मन उदार विचार वाणी का विवेक मनुष्य की शोभा-सहिष्णुता उत्साह ही जीवन है मर्वज्ञ वचनो पर आस्था समता और विषमता धनतेरस का धर्मोपदेश रूप-चतुदर्शी अर्थात् स्वरूप दर्शन महावीर निर्वाण दिवस विचारो की दृढता ११७ १२६ १३५ १६ १७४Page Navigation
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