Book Title: Prashnottar Chatvarinshat Shatak
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Paydhuni Mahavir Jain Mandir Trust Fund

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Page 426
________________ प्रश्नोत्तर एकसोचालीसमो ४०१ पीपलियागच्छे विमलचन्द्र मतं ६, त्रांगडीया पूनमीयागच्छे श्रीविद्याप्रभसूरि मतं १०, ढंढेरिया पूनमीयागच्छे श्रीसंयमसागरसूरि मतं ११, कुतुबपुग तपागच्छे श्रीविनयतिलकसूरि मतं १२, बोकडीयागच्छे देवानन्दसूरी मतं १३, सिद्धांतियागच्छे पंन्यास प्रमोदहंस मतं १४, पाल्हणपुरागच्छे वा० विनयकीर्ति मतं १५, पाल्हणपुरीशाखा तपागच्छे वाचक रंगनिधान मतं १६, अंचलगच्छे पं० भावरत्न मतं १७, छापरिया पुनमीयागच्छे पं० उदयराज मतं १८, साधुपूनमीयागच्छे पं० वाचक नगा मतं १६, मलधारीगच्छे पं० गुणतिलक मतं २०, ओसवाल(उकेश-कमला)गच्छे पं० रत्नहर्ष मतं २१, धवलपर्वीया आंचलीयागच्छे पं० रंगा मतं २२, चित्रवाल गच्छे वा० क्षमा मतं २३, चिन्तामणीया पाडा वा० गुणमाणिक्य गणि मतं २४, आगमीया उपाध्याय श्रीसुमतिशेखर मतं २५, बेगडा स्वरतर गच्छे। पं० पद्ममाणिक्य मतं ( उ० धर्ममेरु मतं) २६, बृहत्खरतर (गच्छे) वा० मुनिरत्न मतं २७, चित्रावाल जोगीवाडई पं० राजा मतं (मुनि जयराज मतं) २८, कोरंटवालगच्छे चेला हांसा मतं २६, बिवंदनीक खिरालुवा चेला मोकल मतं ३०, आगमीया मोकल मतं ३१, खरतर उपाध्याय श्रीजयलाभ मतं ३२ । ___एवं कार्निक सुदी ७ शुक्रवार दिने सर्व दर्शनी मिली सर्व संघ समुदायई मजलस करी, धर्मसागर तेडाव्यउ, पुणि दर्शनमांहि नाव्यउ, वार तीन मजलस करी धर्मसागर तेडाव्य उ, पुणि नाव्यउ, पछइ कार्तिक सुदि १३ दिने सर्व दर्शन मिली चरचाये खोटउ कीधउ, जिनदर्शन बाहिर कीधउ, सर्व दर्शन सम्मत श्रीअभयदेव Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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