Book Title: Prakirnak Sahitya Manan aur Mimansa
Author(s): Sagarmal Jain, Suresh Sisodiya
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
________________ प्रकीर्णक और शौरसेनी आगम साहित्य : 139 सज्झायभावणाए य भाविया हंति सव्वगत्तीओ / गुत्तीहि भावियाहि य मरणे आराहओ होइ / / __ ( आराहणापडाया ( पायणायरियविरइया), गाथा 593) सज्झायभावणाए य भाविदा होंति सव्वगुत्तिओ / गुत्तीहिं भाविदाहि य मरणे आराधओ होदि / (भगवती आराधना, गाथा 12) सयणं मित्तं असयमल्लीणं आवईए महईए / पाडेइ चोरियाए अजसे दुक्खम्मि य महल्ले / / __ ( आराहणापडाया ( पायणायरियविरइया); गाथा 614 ) सयणं मित्तं आसयमल्लीणं पि य महल्लए दोसे / पाडेदि चोरियाए अयसे दुक्खम्मि य महल्ले // (भगवती आराधना, गाथा 865) अजसमणत्थं दुक्खं इहलोए, दुग्गई य परलोए / संसारं च अपारं न मुणइ विसयाऽऽमिसे. गिद्धो / / . ( आराहणापडाया ( पायणायरियविरइया), गाथा 620) अजसमणत्यं दुक्खं इहळोए दुग्गदी यपरळोए / संसारं च अणंतं ण मुणदि विसयामिसे गिध्दो | (भगवती आराधना, गाथा 906) 'कोहो माणो माया लोभो चउरो वि हुंति चउभेया / अण-अप्पच्चक्खाणा पच्चक्खाणा य संजलणा. / / ( आराहणापडाया ( पायणायरियविरइया), गाथा 651) कोहो माणो माया लोहोणंतागुंबंधिसण्णा य / अप्पच्छक्खाण तहा पच्चक्खाणो य संजलणो || (मूलाचार, गाथा 2/1234) कोहो माणो माया लोहो वि य चउविहं कसायं खु / मणवचिकाएण पुणो जोगो तिवियप्पमिदि जाणे // (रयणसार, गाथा.४९) सव्वे वि कोहदोसा माणवसायस्स हुंति नायव्वा / माणेण चेव मेहुण-हिंसा-ऽलिय-चुज्जमायरइ / / . ( आराहणापडाया ( पायणायरियविरइया), गाथा 658) सव्वे वि कोहदोसा माणकसायस्स होति णादव्वा / - माणेण चेव मिधुणं हिंसालियचोज्जमाचरदि || ... (भगवती आराधना, गाथा 1379)
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