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जगत में योग सभी को प्रिय है
योग के अभ्यास से क्या फल प्राप्त होता है
योग के माहात्म्य से आत्मा का परलोक में गमनागमन होता है
स्मृति द्वारा योगफल की प्राप्ति
आत्मा के पुनर्जन्म की सिद्धि
प्रत्येक को सामान्य से स्मरण किस प्रकार होता है
स्वप्न में अनुभव हुई वस्तु याद आती है तो पुनर्जन्म क्यों नहीं
जातिस्मरण से आत्मा के अस्तित्व की सिद्धि
आत्मादिक की सिद्धि और उनमें योग रूपी कारण की सिद्धि
अन्य वादों का त्याग कर योग से तत्त्व सिद्धि करना
सत्य तत्त्व समझने का क्या उपाय है।
अध्यात्म भाव का विचार करना चाहिये
अध्यात्म भाव की दुर्लभता
अध्यात्म भाव कब किसको प्राप्त होता है
इस संसार में भटकते जीवों को कितना काल व्यतीत हुआ है
किन जीवों का जन्म-मरण चालू रहता है
जगत के प्रत्येक कार्य में कारण रहा हुआ है जीव और पुल के स्वभाव की विचित्रता स्वभाववादी सर्व वस्तुयें स्वभाव से बनती हैं किन-किन कारणों से वस्तुसिद्धि होती है
अकेला स्वभाव कुछ भी करनेवाले समर्थ नहीं है स्वभाव आदि पाँचों के समवाय से कार्य सिद्धि होती है
जन्मान्ध की तरह कौनसे जीव सन्मार्ग प्राप्त नहीं कर सकते
भवाभिनंदी का स्वरूप
लोक व्यवहार का स्वरूप
लोक पंक्ति वाली क्रिया दोषमय है।
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