Book Title: Navsuttani
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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पच्चोगिलमाण-पज्जोसवित्तए
१६५
पच्चोगिलमाण (प्रत्यवगिलत) क० ५।१०
६३,१०८,१०६,११७,११८,१२७,१३६,१४५ पच्चोनियत्त (प्रत्यवनिवृत्त) प० ३१
पज्जत्तग (पर्याप्तक) नं० २३. अ० २५४. दसा० पच्चोरुभ (प्रति+अव+ह.)-पच्चोरुभति ५१७. प० १०१,१७६ दसा० १०।१०
पज्जत्तय (पर्याप्तक) नं० २५. अ० २५४ पच्चोरुभित्ता (प्रत्यवाह्य) दसा० १०।१६. प० १० पज्जय (पर्यय) उ० ३५११६ पिच्चोरुह (प्रति + अव+रह.)-पच्चोरुहइ
पज्जय (प्रार्यक) द० ७.१८ दसा० १०।१६. प० १०
पज्जलंत (प्रज्वलत्) प० २४,२७ पच्चोरुहिता (प्रत्यवरुह्य) दसा० १०।१६. प०१०
पज्जलण (प्रज्वलन) उ० १४।१० पच्चोसक्कित्तए (प्रत्यवष्वष्कितुम्) दसा० ७.२४ पज्जलिय (प्रज्वलित) उ० १११२६ पच्छन्नकाल (प्रच्छन्नकाल) आ०६।२,३
पज्जव (पर्यव) दचू० १११६. उ० २८।५,६,१३, पच्छा (पश्चात्) द० ५।६१. उ० २।४१. अ०
२६८,५७ से ५६; ३०।१४. नं० १८१७८१ १६. दसा० ३।३. प० ६६. क० १६.
से ६१,१२३. अनं० २८. अ० ५१,२४७,२५५, व० १११५. नि० २०३८
२६३,५५२,५७१,५७२. दसा० ५७७१ पच्छाउत्त (पश्चादायुक्त) दसा० ६।१८. प० २५५. पज्जवग्गक्खर (पर्यवाग्राक्षर) नं०७० व०६।१
पज्जवचरय (पर्यवचरक) उ० ३०।२४ पच्छाकड (पश्चात्कृत) व० ११३३
पज्जवसाण (पर्यवसान) आ० ४।६. अ० ५५६. ५० पच्छाकम्म (पश्चात्कर्मन्) द० ५।३५; ६।५२ पच्छाकम्भिया (पश्चात्कमिका) आ० ४१६
पज्जाय (पर्याय) अ०७०८४ पच्छाणुताव (पश्चानुताप) उ० २०१४८; २६७;
पज्जालिया (प्रज्वाल्य) द० ७।६३ ३२॥१०४
पज्जिया (प्रायिका) द० ७.१५ पच्छाणुतावय (पश्चानुतापक) उ० १०॥३३
पज्जुवट्ठिय (पर्युपस्थित) उ० ६६१, १८:४६ पच्छाणुपुवी (पश्चानुपूर्वी) अ० १४७,१४६,१५१,
पिज्जुवास (परि+उप+आस्)-पज्जुवासइ १५३,१७६,१७८,१८०.१८२,१८४,१८६,१८८,
दसा० १०११६.-पज्जुवासामो दसा० १०॥११. १९०,१६२,१६४,२१८,२२०,२२२,२२४,२२६
-पज्जुवासेज्जा द० ८।४३. व. १०१२. २२८,२३०,२३२,२३४,२३६,२३८,२४०,
-पज्जुवासेति दसा० १०६ । २४२,२४४
पज्जुवासणा (पर्युपासना) दसा० १०॥११,१६ पच्छायइत्ता (प्रच्छाद्य) उ० १२१८ पच्छासंथव (पश्चासंस्तव) नि० २१३७
पिज्जोसव (परि+ वस्, परि+उप+शम्)
-पज्जोसवेइ प० २२३. --पज्जोसवेंति पच्छासंथय (पश्चादसंस्तुत) नि० २।३८
प० २२५. –पज्जोसवेति प० २२४. नि० १०॥ पच्छिम (पश्चिम) उ० २३।२६,८७. अ० ६५.
३६.–पज्जोसवेमो प० २३० प० १३०,१६५. क० ४।१२. नि० १२।३१;
पज्जोसवणा (पर्युषणा, पर्युपशमन) प० २८१,२८२. १६१८
नि० २।४६; १०।३६,३८,३६ पिजह (प्र+हा)-पजहामि उ०१२।४६. -पजहे उ० १५०६
पज्जोसवणाकप्प (पर्युषणाकल्प, पर्युपशमनकल्प) पिजुंज (प्र+युज्)-पजंजई उ० ६।३०
५०२८८ पज्जत्त (पर्याप्त) उ० ३६१७०,७१,८४,८५,६२, पज्जोसवित्तए (पर्युषितुम्) प० २३०
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