Book Title: Navsuttani
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 1247
________________ लोहियपाणि-वंदणग २५३ लोहियपाणि (लोहितपाणि) दसा० ६।३ लोही (लोही) अ० ३६२ व (वा) द० ५।५. उ० ११२०. अ० ३०८ व (इव) द० ११३. उ० १११२ व (च) उ० १५।१०. व० ५।१३ वइ (वाच्) आ० ३।१. उ० १८।५२. व० ८।१२ वइक्कंत (व्यतिक्रांत) आ० ३१ वइक्कम (व्यतिक्रम) आ० ३।१,४१७. अ० ३१४ वइगुत्त (वाग्गुप्त) उ० २६०५५. दसा० १०॥३२. प०७८ वइगुत्ति (वाग्गुप्ति) आ० ४।८. उ० २४१२३ वइजोग (वाग्योग) उ० २६१७३. नं० ३३।२ वइत्तए (वक्तुम् ) प० २३८. क० ६।१ वइत्तु (वदित) दसा० ३।३ वइदंड (वाग्दण्ड) आ० ४८ वइदेह (वैदेह) उ० १६१ वहमय (वाङ्मय) द० ६।४६ वइर (वज्र) उ० ३६४७३. नं० गा० १२ सू० ३८॥ १२. प० १५,६१ वइरपाय (वज्रपात्र) नि० ११११ से ३ वइरबंधण (वज्रबन्धन) नि० १११४ से ६ वइरमज्झा (वज्रमध्या) व० १०११,४,५ वइरवालुय (वज्रवालुक) उ० १९५० वइरागर (वज्राकर) नि० ५।३५ वइरी (वज्रा) प० २०२ दइविक्ख लिय (वागविस्खलित) द० ८।४६ वइसमाधारणया (वचस्समाधारण) उ० २६।१ वइसमाहारणया (वचस्समाधारण) उ० २६।५८ वइसमिय (वारसमित) प० ७८ वइसाह (वैशाख) उ० २६।१५. ५०८१ वइसेसिय (वैशेषिक) नं० ६७. अ० ४६,५४८ वइस्स (वैश्य) उ० २५॥३१ वइस्स (वेष्य) उ० ३२॥१०३ वंक (वक्र) उ० ३४१२५ वंकजड (वक्रजड) उ० २३।२६ वंचण (वञ्चन) दसा० ६।३ वंचित्र (वञ्चित) उ० २।४४ वंजण (व्य ञ्जन) उ० १२।३४. नं० ४३,४५.४७, ४६,५३. अ० २८,५१,७३,३६०,७१५॥४. ५० ६,३८,४७. नि० १३।२३ वंजणक्खर (व्यञ्जनाक्षर) नं० ५६,५८ वंजणजाय (व्यञ्जनजात) व. १०।२४ वंजणल द्धि (व्यञ्जनलब्धि) उ० २६।२२ वंजणाभिलाव (व्यञ्जनाभिलाप) नं० ५८ वंजणुग्गह (व्यञ्जनावग्रह) नं ४०,४१.५१ वंजिय (व्यजित) क० ४।२६. नि०६।२०; १२॥ ४३ वंत (वान्त) द० २१७; १०।१. चू० १ सू० १. उ० १०।२६; १२।२१, २२।४२. दसा० १०॥३२ वंतय (वान्तक) द० २।६।। वंतर (व्यन्तर) उ० ३६।२२० वंता (वान्स्वा) दसा. ६।२।३६ वंतासव (वान्तास्रव) दसा० १०।२८ से ३२ वंतासि (वान्ताशिन) उ०१४।३८ वंद (वृन्द) अ० २८२. दसा० १०.१२ विंद (वन्द)-वंदइ उ० ६।५५. दसा० १०।१६. प० १०.-वंदए उ० १८१८.-वंदंति दसा० १०॥६.-वंदति नि० ११८४.--वंदामि आ. २॥३. नं० गा० १७. ५० १०.-वंदामो दसा० १०।१२.-वंदिमो नं० गा० २६.-वंदे आ० १२. द. ५।१३०. नं० गा० १८. प० २२२ -वंदेज्जा द०६।३४. क० ११३४. व० १०१२ वंदंत (वन्दमान) नि० ११८४; १३।४३,४५,४७, ४६,५१,५३,५५,५७,५६ वंदण (वन्दन) दचू० २।६. उ० २६१,११; ३५१८. जोनं० ६. दसा० १०१११ वंदणकलस (वन्दनकलश) प० ६२ वंदणग (वन्दनक) उ० १५१५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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