Book Title: Navsuttani
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 1309
________________ १४।४५. जोनं० १०. अ० ३४१,३८०,४१६. हं (हं) दचू० १ सू० १ दसा० २।३, ३।३;७।२१,२३,१०।१६. हंत (हन्त) दसा० ४।२।१६; १०।२३,२४. प० ७४ प० १०,२४,४६,७५,२२२ व० ८.२ से ४. हंतव्व (हन्तव्य) दसा० १०१२६ नि० २।२१; ४।३७; १२।१५,१६; १६।३६; हंता (हन्त) अ० ३९८,४३६ १७॥१३२; १८१६ हंता (हत्वा) उ० १२।१८ हत्थकम्म (हस्तकर्मन्) दसा० २।३. क० ४११०; हत्तु (हंत) दसा० ६।२।१६,२० ५।१३. २०६८ नि० १११; ६२ हंदि (दे०) द० ६।४. अ० ३०८।४ हत्थग (हस्तक) द. ५७८,८३ हंभी (हम्भी,भम्भी) नं० ६७. अ० ४६,४५८ हत्थच्छिण्ण (हस्तछिन्न) नि० ४१७; १८३६ हंस (हंस) उ० १३.६; १४॥३३,३६; २७।१४. हत्थछिण्ण (हस्तछिन्न) दसा० ६।३ नं० १८१४. अ० ३००. प० २६ हत्थमेज्ज (हस्तमेय) अ० ३८०१२ हंमगम्भ (हंसगर्म) उ० ३६१७६. अ० ४१. हत्थलिज्ज (हस्तलीय) प० १९७ प० १५,३३ हत्थवीणिया (हस्तवीणिका) नि० ५५४१,५३ हंसपोसय (हंसपोषक) नि०६।२३ हत्थादाल (हस्ताताल) क० ४।३ हट्ट (हृष्ट) उ० १८।१६. अ० ४१७. हत्थि (हस्तिन) दचू० ११७. उ० २०११४. दसा० १०॥४,६,७,१०,११,१८,३४. ५० ५ से नं० ३८१३. अनं० १२. अ० ८६,३५५,५२२, ७,१०,१५,३६.३८,३६,४१,४३,४४,४७,४८, ५२५,६५४,६५६,६५८,६६०,६८०,६८२, ५०,५६,६३,२३६ ६८४,६८६. दसा० ६।३; ७।२४ हड (हृत) आ० ४।६. दसा० १०॥३२. प० १६, हत्थिआरोह (हस्त्यारोह) नि० ६।२६ ५४,५६ हत्यिकरण (हस्तिकरण) नि० १२।२४; १७।१४६ हड (हढ) द० २६ हत्थिगुलगुलाइय (हस्तिगुलगुलायित) हडप्पग्गह (हडप्पग्रह) दसा० १०।१४. नि० ६।२७ नि० १७४१३५ हडिबंधण (हडिबन्धन) दसा० ६।३ हत्यिजुद्ध (हस्तियुद्ध) नि० १२।२५; १७११४७ हडमालिया (दे०) नि० ७.१ से ३; १७३३ से ५ । हत्थिणपुर (हस्तिनापुर) उ० १३।१,२८ हढ (हट) उ० २२१४४ हत्थिणापुर (हस्तिनापुर) नि० ६।२० ‘हण (हन्)-धायए द० ६।६. हत्थिदमग (हस्तिवमक) नि० ६।२४ -हण दसा०६।३.-हणे द०६।९. हत्थिपालग (हस्तिपालक) प० ८३,८४,१०६ उ० २।११.-हणइ उ० १२।२६. हत्थिपिप्पली (हस्तिपिप्पली) उ० ३४।११ अ०७०८।३.-हणसि अ० ३१३।२. हत्थिपोसय (हस्तिपोषक) नि०६।२३ -हणाइ उ० २०४४.-हणावइ हत्थिर्मिठ (हस्तिमिठ') नि. ९२५ अ० ७०८।३.-हणेज्जा उ० २।२७ हत्थुत्तर (हस्तोत्तर) दसा० ८।१. ५० १,२,१७, हणित्ता (हत्वा) दसा० ६।२।६ ५६,७५,८१ हत (हत) दसा० ५।७।११ Vहम्म (हन)-हम्मति उ० ३२५१. हत्थ (हस्त) द० ४ सू० १८,२१,२३; ५॥३२,३५, दसा० ५।७।११.---हम्मती दसा० ५।७।११. ३६,६८,८५८।४४,५५; १०।१५. उ० ५।६; -हम्मिहिंति उ०२२।१६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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