Book Title: Navsuttani
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 1252
________________ २५८ क्यंत-ववहार अ० ३८३ ६।२।२२ वयंत (वदत्) द० ४ सू० १२. अ० ४१६,५५७. वरदत्त (वरदत्त) प० १३२ नि० २११८,१६६।११; १११७३,७४. ५० _ वराडग (वराटक) उ० ३६।१२६ २३७ वराडय (वराटक) अनं० ३. अ० १०,३१,५४, वयगुत्त (वचोगुप्त) उ० १२।३, २२।४७. ७८,१०३,५६० दसा०५७ वराय (वराक) उ० ३६.२६१ वयगुत्तया (वचोगुप्तता) उ० २६।१,५५ वराह (वराह) अ० ३५५,५२५. दसा० ६१३ वयगुत्ति (वचोगुप्ति) उ० २४१२ वरिट (वरिष्ठ) प० १० वयजोग (वचोयोग) उ० २१।१४ वरिस (वर्ष) उ० १८।२८; ३४।४६ वरिसधर (वर्षधर) नि० ६२८ वयण (वचन) द० २।१०८।३३; ६।२६,४८; वरुड (दे० ) अ० ३६ १०१५. उ० १११२; ६।६; १२१५,८,१६,२४; वरुण (वरुण) अ० १८५,३४२ १३।४,१२,१५,२६,३४; १६.६; २०११३; वरुणोववाय (वरुणोपपात) नं०५८ जोनं ६. २२।१८,४६,२५।१०; २७।११. अ० ५१, ७१५. दसा० १०१४,१६.५० १०,१५,१७,२३, व०१०।३१ ३१,४१,४३,५१,६३,७५,८२. व० ४।१८ बल (वल) नि० १८।१४ वलय (वलय) उ०३६१६५. अ० ५२५. दसा० वयण (वदन) प० १०,१५,२३,२४ १०११२. प० ४२ वयणंकर (वचनकर) द० ६।२६ वलयमरण (वलन्मरण, वलयमरण) नि० ११।६३ वयणविभत्ति (वचनविभक्ति) अ० ३०८ वल्लर (दे०) उ. १६८०,८१ वयणसंपदा (वचनसंपदा) दसा० ४।३,७ वल्लह (वल्लभ) अ० ३०२. प० २६ वयतेण (वचस्तेन) द० ५।१४६ वल्ली (वल्ली) उ० ३६।६४ वयत्थ (वयस्थ) उ० ३०।२२ विव (व)-ववन्ति उ० १२॥१२ वयमाण (वदत्) उ० ८७. क० ६२ ववगय (व्यपगत) अनं० ८. अ० १६,३७,६०, वियाव (वादय)-वयावए द०६।११ ८४,१०६,५६६,६२६,६३८,६५०,६७६,७०३. वयसमित (वचस्समित) दसा० ५७ दसा० ६।५. प० ५८ वर (वर) आ० २।६,७,५।४।६,७; ६।११. उ० ववरोविय (व्यपरोपित) आ० ४।। १११६ ; ६।३१४।५०; २२१७,४०, ३४।१४. ववसाय (व्यवसाय) नं० ५४।२ नं० गा० १२,१५,१७,२२,३७,३८. दसा० ववसिय (व्यवसित) प० २८ ८।१; ६।२।२२; १०।१० से १२,१४,१५,१७, विवस्स (वि+अव-+सो)-ववस्से उ० ३२।१४ २४. ५० ५,१०,२०,२१,२३,२४,३२,३३,३७, ववस्सिय (व्यवसित) उ० २२।३० ४०,४२,४४,४७,४६,६२,६४,६६,७३ से ७५, विवहर (वि-+ अव---ह)-ववहरइ उ० १७११८ ६६,२२२. नि० २०२८ ववहरंत (व्यवहरत्) उ० २११२,३ वर (पर) उ० १४,२२ ववहरमाण (व्यवहरत्) दसा० ४१२३ वरगइ (वरगति) उ० ३६.६३,६७ ववहरेमाण (व्यवहरत्) व० १०१६ वरदसि (वरदशिन्) उ० २८।२,७. दसा० ववहार (व्यवहार) आ० ४।८. उ० ११४२; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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