Book Title: Navsuttani
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 1267
________________ विहरमाण-वीयरागभाव २७३ उ० २३।३८. दसा० १०॥२५.-विहरामो विहिंस (वि---हिंस)-विहिंसइ उ०५८. दगा० १०१२२.-विहरिंसु उ० २३।९. दसा० ६।२।१८ -विहरिस्सामि उ० १४।४६. दसा० १०॥३१. विहिंसग (विहिंसक) उ० ७।१० -विहरे द०८१५६-विहरेज्ज दचू० २।१०. विहिंसत (विहिंसत्) द०६।२७,३०,४१,४४ उ० १७।१. ----विहरेज्जा उ० १६ सू० १. विहिभिन्न (विधिभिन्न) क० १।५ व० ११२३. दसा० ४।२३. -विहरेज्जासि विहुण (वि+ध)-विहुणाहि उ० १०॥३ द० ५।१५० विहुय (विधुत) आ० २।५; ५।४।५ विहरमाण (विहरत्) दसा० ६।१२ से १८; १०।३, विहुयण (विधुवन) द० ४ सू० २१; ६।३७; १९ - ११,२४ से ३३ विहुवण (विधुवन) नि० १७१३२ विहरु (विहरत्) उ० २।४३ विहूण (विहीन) उ० १२।१४; १४।३०; २०.४८%; विहरिऊणं (विहृत्य) अ० २१ २८/२६ विहरित्तए (विहर्तुम्) क० ४।१६. व० ११२३ विहेडयंत (विहेठयत) उ० १२।३६ विहरित्तु (विह) उ० १६ सू० ५ वीइक्कत (व्यतिक्रान्त) प० १०६,१२४,१२८, विहवा (विधवा) व० ७।२५ १३८,१८१. व०३।१३,१५,१७,१८,२०,२२ विहाण (विधान) उ०३६।७४,८३,६१,१०५, वीइत्ता (वीजयित्वा) नि० १७।१३२ ११६,१२५,१३५,१४४,१५४,१६६,१७८, वीइय (वीजित) दसा. १०११ १८७,१६४,२०३,२४७. ५० ११० वीइवय (वि+अति+वज)-बीईवइंस विहार (विहार) उ० १४।४,७,१७,३३; २६।३५; नं० १२५.–वीइबएज्जा अ० ३६८. ३०।१७. दसा० ६।१२ से १८; १०१३० -वीइवयइ उ० २६।२३.-वीईवइस्संति से ३३. प० ८१. १० ११२० से २२; ४।११, नं० १२५.-वीईवयंति नं० १२५ १२,५।११,१२. नि०८।१ से १,११; ६।१२; वीइवयमाण (व्यतिवमत्) ५० १५ १६।२६,२७ वीदंसय (विदंशक) उ०१६६५ विहारकप्प (विहारकल्प) नं० ७७. जोनं० ८ वीणग्गाह (वीणग्राह) दसा० १०॥४ विहारचरिया (विहारचर्या) दचू० २।५ वीणा (बीणा) अ० २५०. नि० १७४१३७ विहारजत्ता (विहारयात्रा) उ० २०१२ वीणीय (विनीत) ५० ६२,१२६ विहारभूमि (विहारभूमि) दसा० ३३३ प० ५८, वीतिक्कंत (व्यतिक्रान्त) प० ६१,१०६ २७२,२७७. क० ११३६,४१,४५,४६; ४।२६; वीमंसा (विमर्श) नं० ४५,५४।६,६२,१२७।४ ५।१५. व० ८।१४. नि० २।४० वीय (व्यज्)-वीए द० १०॥३.-वीएज्ज विहारि (विहारिन) उ० १४१४४ द० ८९.-वीएज्जा द०४ सू० २१. विहि (विधि) द० ५१०३. उ०२४।१३, २८।२४ उ० २६ नं० १२७।५. अ० ३१८।३,७१५।३. वीयंत (व्यजत्) द० ४ सू० २१ दसा० १०।११ वीयण (वीजन) द० ३।२ विहि (वि+धा)-विहिज्जइ अ० ३७६ वीय राग (वीतराग) जोनं० ८. अ० २७६ विहिंस (विहिन). उ० ४।१ वीयरागभाव (वीतरागभाव) उ० २६।३७; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 1265 1266 1267 1268 1269 1270 1271 1272 1273 1274 1275 1276 1277 1278 1279 1280 1281 1282 1283 1284 1285 1286 1287 1288 1289 1290 1291 1292 1293 1294 1295 1296 1297 1298 1299 1300 1301 1302 1303 1304 1305 1306 1307 1308 1309 1310 1311 1312 1313 1314 1315 1316