Book Title: Navsuttani
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 1298
________________ ३०४ सिलेस-सीलव्वय सिलेस (श्लेष) द० २४५ ४८,६३,७२; ७।१८,२४,३०,३४ से ३७,५२, मिलोग (श्लोक) द० ६।४ सू० ४ से ७. चू० १ ६१,११११५,२१,२७,३१ से ३४,४६,५८; सू० १. उ० १५१६,१६ सू० १२. नं० ८१, १२।१६; १४।१२,१३,१६,१७; १५।१७,२३॥ ६१,१२३. अ० ३६१,५७१,५७२. क० ३।२३, २९, ३३ से ३६,५१,६०,१०३,१०६,११५, २४. नि० १३।१२ ११६ से १२२,१३७,१४६; १७११६,२५,३१, सिलोय (श्लोक) अ० ३५८ ३५ से ३८,५३,६२,७३,७६,८५,८६ से १२, सिव (शिव) आ० ६।११. द० ७.५१. १०७,११६,१८१४४,४५,४८,४६ उ० १०॥३५; २३।८०,८३. अ० २०.५० ४ से सीओदय (शीतोदक) द०६।५१८१६; १०२ ६,१०,१६,२२,२८,३६,३८,७३,७४,२२२१७ सीत (शीत) अ० २६१,२६३ सिवभूइ (शिवभूति) प० २२२ सीतल (शीतल) अ० २२७. प० १५३ सिवा (शिवा) उ. २२१४. अ. ३२३. प० १२७ सीतोदक (शीतोदक) नि० ११६ सिविया (शिबिका) ५० ११३ सीमारक्खिय (सीमारक्षित) नि० ४१४१,४६,५१ सिव्व (सीव)-सिव्वति नि० ११२७. सीय (शीत) द० ३।६२; ७१५१; ८।२७. -सिव्विस्सामि नि० ११२७ उ० ११२७, २ सू० ३; २।६; १५।५,१३; सिव्वत (सीवत्) नि० १२२७,४६ १६।३१,४८; २१११८, ३२१७६; ३६।२०. सिव्वाव (सेवय)-सिव्वावेति नि० ५।१२ अ० ५१२. प०२७,५८. क० ५२१२ सिव्वावेत (सेवयत्) नि० ५।१२; १२१७ इसीय (सद)-सीयंति उ०२०॥३८.दसा०७।२५ सिसुणाग (शिशुनाग) उ० ५।१० सीयच्छाय (शीतच्छाय) उ० SIE सिस्स (शिष्य) अनं०.२१,२२ । सीयपिंड (शीतपिण्ड) उ० ८.१२ सिस्सणी (शिष्या) अनं० २० से २२,२८ सीयय (शीतक) २०३६।३८ सिस्सिणी ( " ) अ० ६६२,६६४,६८८,६६० सीयल (शीतल) नं० गा० १८. अ० ३२३. सिस्सिरिली (दे०) उ० ३६।६७ ५० १५१,१५२,१५४ से १५६ सिहंडि (शिखण्डिन्) दसा० १०।१४ सीया (सीता) उ० १११२८; ३६।६१ सिहर (शिखर) नं० गा० १८. प० २४,१२४, सीया (शीता) नं० ३८१७ १३०,१३८,१८० सीया (शिविका) उ०२२।२२,२३. अ० ३९२. सिहरि (शिखरिन) नं० ८३. अ० २६४।४,४१० दसा० ६।३. प० ७४,७५,११३,१२६,१६५ सिहरिणी (शिखरिणी) क० २१८ सीयाल (शृगाल) दसा० ७।२४ सिहा (शिखा) उ० १६।३६. अ० ३७६,५२५ सील (शील) आ० ४१६.६।१४,१६. उ० ११५,७; सिहि (शिखिन) द० ४।३. अ. ३२७.५० ४,५, ३।१४।५।१६ १३।१२,१७; १४।५,३५; २०,३४ १७१३; १९३५,२११११, २२।४०; २३।५३, सीअल (शीतल) आ० २।३; ५।४।३ ८८२७।१७; २६।५; ३६।२६३. नं० गा०६। सीईभूय (शीतीभूत) द. ८.५६ सीओदग (शीतोदक) उ० २।४. दसा० ७२३. सीलवंत (शीलवत) उ० ५।२६, ७।२१, २२।३२ क० २१५. नि० २।२१, ३।२०,२६,३२,३६ से सीलव्वत (शीलवत) दसा० ६।८ से १८; १०१३० ३६,५४,६३, ४।५८,६४,७०,७४ से ७७,६२, १०१; ५॥१४; ६।७,१५,२६,३५,४१,४५ से सीलब्बय (शीमवत) नं० ८७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 1296 1297 1298 1299 1300 1301 1302 1303 1304 1305 1306 1307 1308 1309 1310 1311 1312 1313 1314 1315 1316