Book Title: Nandanvan Kalpataru 2007 00 SrNo 18
Author(s): Kirtitrai
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti

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Page 10
________________ कृतिः विविधनामगर्भच्छन्दोमयमुक्तकश्रीपार्थजिनेश्वराष्टकम् स्तवनानुवादः अनुक्रमः वाचकवर्य श्रीयशोविजयगणि-प्रणीतस्य श्रीवर्धमानजिनस्तवनस्य संस्कृतानुवादः श्रीपञ्चसूत्रपद्यानुवादः पञ्चमं प्रव्रज्याफलसूत्रम् सद्‌गुरुस्तवनम् उत्कर्षसाधनषट्कम् ।। भारतमातृवन्दनम् Jain Education International कर्ता स्व. प्रवर्तकमुनिश्रीयशोविजयः विजयशीलचन्द्रसूरिः उपाध्यायो भुवनचन्द्रः For Private Personal Use Only पृष्ठम् डॉ. आचार्यरामकिशोर मिश्रः १ प्रा. वासुदेव वि. पाठकः 'वागर्थः' १७ ४ प्रा. वासुदेव वि. पाठकः 'वागर्थ:' १९ २० www.jainelibrary.org

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