Book Title: Nandanvan Kalpataru 2007 00 SrNo 18
Author(s): Kirtitrai
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti

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Page 11
________________ Woremony A AD PPPppyTTPPPOOR अनुक्रमः कृतिः कर्ता पृष्ठम् उजालकान प्रा. अभिराजराजेन्द्रमिश्रः २२ प्रा. अभिराजराजेन्द्रमिश्रः २४ नवरत्नसमशितकम् आस्वादः - चिन्तनधारा GROO मुनिरत्नकीर्तिविजयः ३७ पत्रम् मुनिधर्मकीर्तिविजयः ३९ काव्यानुवाद मुनिकल्याणकीर्तिविजयः ४२ भारतीयजीवनमूल्यज्ञानाय प्रचारायच संस्कृतस्य साम्प्रतिकी आवश्यकता डॉ. धर्मेन्द्रजैनः ४४ ग्रन्थसमीक्षा 'नाट्यनीराजनम्' डॉ. रूपनारायणपाण्डेय: ५० (कथाद्वादशी) डॉ. रूपनारायणपाण्डेयः ५३ Jain Education International For Priv 10 Personal Use Only www.jainelibrary.org

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