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मेरी दृष्टि : मेरी सृष्टि साधन है उसका प्रशिक्षण । अहिंसा सार्वभौम माध्यम बनेगा, उसके प्रति आकर्षण उत्पन्न करने का और प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं को अहिंसा की रणभूमि में व्याप्त करने का।
शस्त्रसज्जित सैनिक मारने की बात सोचता है। वह मरने की बात नहीं सोचता । वह मर सकता है, पर संकल्प दूसरों को मारने का ही रखता है।
अहिंसा का प्रशिक्षित कार्यकर्ता मरने की बात सोच सकता है, पर दूसरों को मारने की बात कभी नहीं सोच सकता। यह अभय के विकास की प्रक्रिया सरल नहीं है, फिर भी प्रयत्न के द्वारा उसे सरल और संभव बनाया जा सकता
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