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हिन्दू' शब्द की युति कहां ? कैसे ? अपने को यहां का सच्चा नागरिक मानते, मुस्लिम शासक भी तो आखिर इस देश को अपना मानते थे। पांचजन्य-अगर अपना मानते तो लूट-खसोटकर नहीं जाते और न नृशंसता का व्यवहार करते।
युवाचार्य-लूटने की बात अलग है । लूटने वाले तो लूटने के उद्देश्य से आए और चले गए। शासन करने वाले लम्बी अवधि तक बने रहे । उनके सामने एक ऐसी स्थिति बन गई थी कि मुसलमान से इतर सभी हिन्दू हैं । उस समय हिन्दू और मुसलमान दो ही कौमें थीं।
पांचजन्य-इन समस्याओं से छुटकारा कैसे पाया जा सकता है ?
युवाचार्य-सामूहिक विचार-विमर्श तथा चिन्तन की जरूरत है। आम सहमति से ही इसका समाधान खोजा जा सकता है । लक्ष्य एक हो तथा सबकी उसके साथ प्रतिबद्धता हो।
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