Book Title: Mat Mimansa Part 01
Author(s): Vijaykamalsuri, Labdhivijay
Publisher: Mahavir Jain Sabha

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Page 13
________________ "no XKKKK HEEEEEEEEEE उपाध्याय - श्रीमद्-वीरविजयमुनिपुंगव — FER FEE गुणस्तुत्यष्टकम् । 66. 1933 19919919 शिखरिणीवृत्तम् FREE 99 भवोदन्वन्मज्जद्भविजनतते रक्षणकृते, श्रियोपेतं जन्माश्रयत विबुधासेव्यचरणः । गजाभ्रङ्केन्द्रद्वे(१९०८) हरिखि मुनिर्यः क्षितितल, उपाध्यायं वन्दे तमनुदिवसं वीरविजयम् ॥ १ ॥ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat यदीयं सौभाग्यं शुभमकथनीयं च वचसा, यदीयं वैराग्यं त्रिभुवनजनाश्चर्यजनकम् । यदीयं सद्भाग्यं भवजलधिनिस्तारचतुरमुपाध्यायं वन्दे तमनुदिवसं वरिविजयम् ॥ २॥ गृहं कारागारं मनसि युवतिं बन्धनमिव, विभाव्याशु त्यक्त्वा कनकनिकरं लोष्ठमिव यः । व्रतं लेाऽग्न्यशशि (१९३५) शरदि प्रोज्ज्वलतपा, उपाध्यायं वन्दे तमनुदिवसं वीरविजयम् ॥ ३ ॥ कलाकेलिस्थानं सुमतिनिलयं क्षान्तिसदनं, SHOK KONKONKSHK BK SHIRK W Mo www.umaragyanbhandar.com

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