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१०० महावीर का स्वास्थ्य-शास्त्र
अच्छी नहीं रहती, वह बीमार आदमी है ।
नींद का अमोघ प्रयोग ___अच्छी नींद के लिए सबसे अच्छा उपाय है-- दर्शन, शरीर को देखना । अनेक लोगों को शरीरप्रेक्षा का प्रयोग कराया गया । व्यक्ति ने कायोत्सर्ग की मुद्रा में लेटकर शरीर को देखना शुरू किया, अंगूठे से लेकर एक-एक अवयव पर ध्यान दिया, तलुवे को देखा, पंजे को देखा, एड़ी को देखा, इन अवयवों को देखता चला गया । अंगूठे से सिर तक की प्रेक्षा का यह प्रयोग नींद का अमोघ प्रयोग है । और कुछ नहीं करना है, केवल अवयव को देखते चले जाएं | आत्मा तक कब जाएंगे, शायद नींद बीच में ही आ जाएगी । पूरा कायोत्सर्ग भी नहीं हो पाएगा ।
पाचनतंत्र का दर्शन
पाचन-तंत्र को देखो, भूख की समस्या हल होगी । पाचनतन्त्र की गड़बड़ी होती है तो रक्त का अवसंचरण कम होता है अथवा प्राण का असुंतलन होता है। जब हम देखना शुरू करेंगे, भूख लगने लग जाएगी । रक्ताभिसरण भी बढ़ जाएगा। रक्त का पोषण होगा । रक्त पोषित होगा तो सारा तंत्र ठीक काम करने लगा जाएगा । यह देखने की कला है । इस दर्शन-शक्ति के आधार पर कायाकल्प का प्रयोग निश्चित किया गया । उसमें ३६ खण्डों में, विभागों में देखने की प्रक्रिया है । ३६ बार अंगूठे से शुरू करें और सिर तक पहुंच जाएं । एक-एक अवयव पर प्रयोग करें । एक बार में प्रत्येक अवयव पर हमारा ध्यान केन्द्रित होता है । कायाकल्प का यह प्रयोग अत्यन्त महत्वपूर्ण
त्रिआयामी प्रक्रिया
हम केवल देखते नहीं हैं किन्तु देखने के साथ-साथ दो क्रियाएं और होती हैं- विरेचन और पोषण । पहली क्रिया है देखना । अंगूठे को देखा फिर यह सुझाव दिया- अंगूठे से विजातीय तत्व का विरेचन हो रहा है ।
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