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शिशु एवं वृद्ध स्वास्थ्य १३३ जाता है कि हाथ फेरा और बीमारी विलीन हो गई । पता ही नहीं चला कि कोई बीमारी थी । यह स्पर्श-चिकित्सा की प्रक्रिया है ।
रंग-चिकित्सा, गंध चिकित्सा, रस-चिकित्सा और स्पर्श-चिकित्सा- ये चारों प्रकार की चिकित्सा विधियां लेश्या से जुड़ी हुई हैं । इनका सम्यक् अन्वेषण और प्रयोग किया जाए तो चिकित्सा-शास्त्र दुनिया को सहज सुलभ चिकित्सा पद्धति का अवदान दे सकता है और वह अवदान स्वास्थ्य के लिए महान् वरदान बन सकता है ।
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