Book Title: Mahavira ka Swasthyashastra
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 157
________________ लेश्याध्यान और स्वास्थ्य १४३ कठिन है । सब निराश हो गए। साध्वी ने कहा- 'आप मुझे कोई ध्यान और मंत्र का प्रयोग बताएं। वही मेरे लिए दवा बनेगा ।' मैंने एक मंत्र के साथ नीले रंग का ध्यान करने का निर्देश दिया । साध्वी ने निष्ठा के साथ वह प्रयोग किया । दो दिन में ही चमत्कार जैसा घटित हो गया । नाक से रक्तस्राव बन्द हो गया । जहां चिकित्सा की प्रचिलत विधियां विफल हो गई, वहां मंत्र और रंग की चिकित्सा सफल हो गई । प्रश्न हो सकता है कि यह कैसे हुआ ? कारण स्पष्ट है- जो रक्त पतला हो गया, वह नीले रंग के ध्यान से गाढ़ा हो गया । इसलिए रक्त का स्राव बंद हो गया। मंत्र और रंग के समन्वय से बहुत कुछ घटित हो सकता है । इस दिशा में अन्वेषण और अनुसंधान का बहुत अवकाश है । अपेक्षा है अनुसंधान और प्रयोग की । हृदयरोग के सन्दर्भ में जो प्रयोग प्रस्तुत किए गए हैं, यदि उन्हें अपनाएं, प्राण और अपान का संतुलन कर पाएं तो हृदय रोग की संभावना को निर्मूल किया जा सकता है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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