Book Title: Mahavir Pat Parampara
Author(s): Chidanandvijay
Publisher: Vijayvallabh Sadhna Kendra

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Page 281
________________ - महाव्रत की 25 भावना की सज्झाय : ढाल 5, पर्युषण सज्झाय इत्यादि। कालधर्म : ___ गंधार, अमोद, जंबूसर विचरण करते हुए पंन्यास जिन विजय जी अपने शिष्य परिवार के साथ पादरा चातुर्मासार्थ पधारे। किसी भयंकर व्याधि से ग्रस्त हो जाने के कारण 8 दिवस की बीमारी के बाद श्रावण सुदि 10 मंगलवार वि.सं. 1799 के दिन इस देह को त्यागकर पादरा की पुण्यभूमि में काल कवलित हो गए। उस समय उनकी आयु मात्र 47 वर्ष की थी। उनके पार्थिव देह का अग्नि संस्कार नगर के बाहर सरोवर के पास चंदन से किया गया। वहाँ किसन नामक श्रावक प्रमुख ने स्तूप बनवाया। महावीर पाट परम्परा 247

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