Book Title: Mahavir Pat Parampara
Author(s): Chidanandvijay
Publisher: Vijayvallabh Sadhna Kendra

Previous | Next

Page 296
________________ पंन्यास श्री मणि विजय जी दादा ने जिस धर्मोद्योत का बीड़ा उठाया, उनके समर्थ शिष्यों - प्रशिष्यों ने उनके संकल्प को शीघ्र ही पूर्ण किया । कालधर्म : मणि विजय जी की आयु जब 69 वर्ष के पार हो गई, तब उनका स्वास्थ्य प्रतिकूल रहने लगा। अपने शिष्यों को योग्य दायित्व प्रदान कर, वे वि.सं. 1921 से वि.सं. 1935 ( ईस्वी सन् 1864 से 1878) तक अहमदाबाद में ही रहे । 83 वर्ष की आयु में आसोज सुदि 8 वि.सं. 1935 ( ईस्वी सन् 1878) में 24 उपवासों की तपस्या करते हुए चउविहार उपवास में समाधिपूर्वक अहमदाबाद में कालधर्म को प्राप्त हुए। उनके देवलोकगमन से उनका विशाल शिष्य समुदाय शिरच्छत्र विहीन सा हो गया किंतु उनके संकल्पों की परिपूर्ति हेतु अग्रसर रहा। महावीर पाट परम्परा 262

Loading...

Page Navigation
1 ... 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330