Book Title: Kyamkhanrasa
Author(s): Dashrath Sharma, Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir
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रासाका ऐतिहासिक कथा - सार साधु हैं इनसे डरते ही रहना चाहिए और इनकी सेवा और भक्ति करके इनको रिझाना और प्रसन्न रखना चाहिए।
पुरोहित हरनारायणजीने उपरोक्त घटनाके अतिरिक्त एक अन्य चमत्कारी घटनाका भी उल्लेख किया है । यथा -
"एक और समयकी बात है कि स्वामी सुन्दरदासजी फतहपुरके गढ़में नवाबके पास बैठे थे। बातों ही बातोंमें स्वामीजीने तुरन्त फुर्तीसे नवाबको सावधान किया कि तवेलेमेंसे सब घोड़े वाहर निकलवानो और असबाबको फौरन तवेलेमेंसे बाहर निकाल कर गढ़से बाहर ले जाओ। हुक्म होते ही वहां देर क्या थी। सैकड़ों सईस और सवार और सिपाही लग गये । घोड़ों और सामानका बाहर निकालना था कि तबेला 'धरर' धर्राट करके गिर पड़ा। यों स्वामोजीने नवाबके घोड़ोंको रक्षा की । नवाबने स्वामीजीके कदम पकड़ लिए और बहुत भक्ति की । इस प्रकार कई चमरकार अनेक समयोंमें दिखाये थे।"
सुन्दरदासजीसे नवाबोंका अच्छा सम्बन्ध तो था ही, इन्होंने फतहपुरमें रह कर बहुतसे ग्रन्थ इन नवाबोंके समयमें रचे ।
__ क्यामखां रासाका ऐतिहासिक कथा - सार रासाका प्रारंभ करते हुए कवि जान सर्व प्रथम सृष्टिकर्ता व मुहम्मदको स्मरण कर अपने पिता दीवान अलफखां और उसके वंशका सत्य इतिहास लिखता है । पहले पौराणिक ढंगले सृष्टिकी उत्पत्ति और चौहान वंशका विवरण इस प्रकार लिखा है -
सृष्टिकर्त्ताने पहले मुहम्मदके नूरको रचा, और उससे स्वर्ग, फरिश्ते, चंद्र, तारे, देव, दानव, गिरि, समुद्रादि निर्माण किए । मनुष्योंकी उत्पत्तिमें प्रथम आदम हुए जिनसे आदमी हुए। हिंदु और मुसलमान दोनों एक ही पिंडसे उत्पन्न हैं, रक्त चर्मादिका कोई भेद नहीं, करनीसे अलगअलग नाम हुए । पैगंयर आदम एक हजार वर्ष जीवित रहे, उनका पुत्र सीस ९१२ वर्ष, सीसका पुत्र उनूस ९६५ वर्ष, उसके पुत्र कीनानने ९६२ वर्षके जीवनकालमें सुन्दर आवास, कोट, गढ़ आदि बनवाए । कीनानका पुत्र महलाइल, उसका पुत्र यजद हुश्रा । यजदका पुत्र इदरीस पैगंबर हुआ जो ३६५ वर्ष पृथ्वी पर रहा । उसका पुत्र मसतूस हुआ जिसने धर्म छोड दिया । उसका नंदन नामक हुआ। फिर नूह नयी हुश्रा जो १५० वर्ष जीवित रहा और जिसने संसारमें धर्मका पथ प्रकट किया। नूहके तीन पुत्र थे साम, हाम और यासफ । सामके अरबी, रूमी, ईराक, खुरासान इत्यादि हुए। चौहान, पठान आदि सामके वंशज हैं । हामके उजयक, हिंदी, बबरी, हबसी, कुबती हुए। और यासफके फिरंगी, रूसी, यूनानी, तुर्क और चीनी हुए।
सामका पुत्र इमन, उसका पुत्र उज और उसका पुत्र समूद हुअा। समूदका पुत्र राजा पाद हुआ, उसका अनाद, फिर जुगाद, प्रमाद, मेर, मंदिर, कैलास, समुद्र, फैन, वासिग, राह, रावन,