Book Title: Karm Prakruti Part 02 Author(s): Shivsharmsuri, Acharya Nanesh, Devkumar Jain Publisher: Ganesh Smruti Granthmala View full book textPage 6
________________ इस ग्रन्थ के प्रकाशन हेतु श्रीमान् सेठ दीपचन्दजी भूरा देशनोक-कलकत्ता के सुपुत्र श्री गोपालचन्दजी भूरा से आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ है। श्री भूराजी देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति, व्यवसायी एवं श्री अ. भा. साधुमार्गी जैन संघ को तन-मन-धन से सहयोग देने वाले वरिष्ठ और प्रमुख उन्नायकों में हैं एवं परमश्रद्धेय स्व. आचार्य-प्रवर पूज्य श्री नानालालजी म. सा. तथा वर्तमान आचार्य श्री रामलालजी म. सा. में आपकी प्रगाढ़ श्रद्धा है। स्थायी कार्यों को करने में अधिक रुचि होने से आपके पिताश्री ने 'श्री भीकमचन्द दीपचन्द भूरा साहित्य प्रकाशन कोष' की स्थापना की है। जिसकी ओर से उत्तम ग्रन्थों के संग्रह एवं प्रकाशन किये जाने की योजना है। _ अन्त में हम श्रीमान् गोपालचन्दजी भूरा का आभार मानते हैं कि आपके सहयोग और प्रेरणा से इस ग्रन्थ को प्रकाशित कर सके हैं । आशा है इसी प्रकार से आपका सहयोग मिलता रहेगा, जिससे संघ के लक्ष्य की पूर्ति होने के साथ समाजसेवा करने की आपकी भावना से समाज लाभान्वित हो। वक्तव्य के उपसंहार में पाठकों से यह अपेक्षा रखते हैं कि वे कर्मसिद्धान्त का परिज्ञान करने के लिये ग्रन्थ का अध्ययन, मनन और स्वाध्याय करेंगे। शांतिलाल सांड संयोजक साहित्य समिति [ ४]Page Navigation
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