________________
42-AARAK
हवे शेठे तो एक दातण नाम लइने मगाव्यु हतुं पण सर्वनो संग्रह करी चाकर लेइ आव्यो तेमज द्रव्य एबुं नाम कयु तो द्रव्यना गुण पर्याय सर्व आव्या. ए संग्रह नयना बे भेद छे एक जे द्रव्य पणो सामान्य पणे बोलतां जीव तथा अजीव द्रव्यनो भेद पड्यो नही ते पेहेलो सामान्य संग्रह तथा बीजो विशेषताने अंगीकार करे छे जे जीव द्रव्य एम कडं तो अजीव सर्व टल्या ते विशेष संग्रह. ___ हवे व्यवहार नय कहे छे जे बाह्यस्वरूप देखीने भेदनी वेहेचण करे अने जे बाहेर देखता गुणनेज माने पण अंतरंग सत्ता न माने एटले ए नयमां आचार क्रिया मुख्य छे अंतरंग परिणामनो उपयोग नथी केमके नैगम तथा संग्रह नय ते ज्ञान रूपध्यानना परिणाम विना अंश तथा सत्ता ग्राही छे तेम इहां करणी मुख्य छे ते व्यवहार नयपणो जीवनी व्यवस्था अनेक प्रकारें छे तिहां नैगम तथा संग्रह नय करी सर्व जीव सत्तायें एक रूप छे पण व्यवहार नयथी जीवना बे भेद छे. एक सिद्ध बीजा संसारी ते वली संसारी जीवना बे भेद छे. एक अयोगी चौदमा गुण ठाणा वाला तथा बीजा सयोगी ते सयोगीना बे भेद एक केवली बीजा छद्मस्थ, छद्मस्थना वे भेद एक क्षीणमोही बारमा गुण ठाणे वर्त्तता मोहनीय कर्म खपाव्युं ते बीजा उपशान्त मोह ते उपशान्त मोहना वली बे भेद एक अकषायी इग्यारमा गुणठाणाना जीव बीजा सकषायी ते सकषायीना बे भेद छे एक सूक्ष्मकषायी दशमां गुण ठाणाना जीव बीजा बादर कषायी ते बादर कषायीना वली बे भेद छे एक श्रेणी प्रतिपन्न, बीजो श्रेणीरहित ते श्रेणीरहितना बे भेद एक अप्रमादी बीजो प्रमादी ते प्रमादीना बे भेद एक सर्वविरति बीजो देशविरति देशविरतिना बे भेद एक व्रति
SEARCANARCOACA