Book Title: Jain Vidya Ke Vividh Aayam
Author(s): Fulchandra Jain
Publisher: Gommateshwar Bahubali Swami Mahamastakabhishek Mahotsav Samiti
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________________ श्री गोमटेश्वर स्तुतिमालै - डी. जम्बूकुमारन, पोलल, चेन्नई इस काव्य-ग्रन्थ में 128 तमिल श्लोक के द्वारा गोमटेश्वर के इतिहास के साथ-साथ, उनके जीवन की घटनाओं का विवेचन है। जैनधर्म के सिद्धान्तों को कवि ने काल्पनिक शक्तियों का भरपूर प्रयोग करके एक भक्त भगवान् के सामने अपने जन्म पापों को दूर कर मोक्ष पद की प्रार्थना करता है। इसमें दस-पन्द्रह श्लोकों में कर्नाटक प्रान्त में जहाँ-जहाँ भी बाहुबली की मूर्तियाँ है उनका भी वर्णन अतिसुन्दर ढंग से किया है। अन्य कुछ श्लोकों में श्रवणबेलगोला में स्थित चामुण्डराय द्वारा निर्मित भव्य मूर्ति के अंग-प्रत्यंगों को भक्ति भाव से भरपूर वर्णन किया है। यह ग्रन्थ श्री श्रवणबेलगोला, श्री चन्द्रगिरि महोत्सव (29.1.01 - 7.2.01) में एस.डी.जे.एम.ए. समिति द्वारा प्रकाशित है। इस महोत्सव में तमिल में अनूदित क्रिया-कलाप, सम्मेदशिखर पूजा-विधान नामक दो ग्रन्थ भी तमिल में प्रकाशित किया गया है। .--10/