Book Title: Jain Vidya Ke Vividh Aayam
Author(s): Fulchandra Jain
Publisher: Gommateshwar Bahubali Swami Mahamastakabhishek Mahotsav Samiti
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________________ अखिल भारतीय जैन विद्वत् सम्मेलन पावन प्रसंग : 4 फरवरी से 19 फरवरी 2006 तक समायोजित होने वाले विश्वप्रसिद्ध अतिशयकारी गोम्मटेश्वर बाहुबली भगवान् की पावन प्रतिमा का बारह वर्षीय महामस्तकाभिषेक महोत्सव के भव्य आयोजन के पूर्व आयोजित हो रहे अनेक आयोजनों की श्रृंखला में जैन विद्या सम्बन्धी ज्ञान यज्ञ का पंचदिवसीय महत्त्वपूर्ण अकादमिक आयोजन। उद्देश्य : श्रमण संस्कृति, तीर्थंकर परम्परा, जैनाचार्यों की महती श्रुतसेवा, अहिंसा और शान्ति के अग्रदूत भगवान् ऋषभदेव, चक्रवर्ती भरत, तपस्वी सम्राट् बाहुबली, श्रुतकेवली भद्रबाहु के साथ-साथ जैनदर्शन, साहित्य, संस्कृति और कला का भारतीय संस्कृति को विशेष योगदान, निस्पृही साधक दिगम्बर जैन आचार्यों और समाजसेवी, सदाचारी जैन श्रावकों के बहुमूल्य अवदान पर व्याख्यान, शोध आलेख-वाचन और तत्त्वचर्चा आदि के माध्यम से सम्पूर्ण देश के बहुश्रुत जैन विद्वानों, विदुषियों, अन्यान्य मनीषियों और पण्डितों द्वारा एक ही मंच पर मिलकर उजागर करना। प्रतिभागी : देश-विदेश के मूर्धन्य श्रुतसेवा में समर्पित शताधिक जैन विद्वान्, साहित्यकार, पत्रकार, प्रवचनकार, प्रतिष्ठाचार्य, पण्डितवर्ग, विदुषी महिलाओं और अन्यान्य शोध-अध्येताओं का विशाल समुदाय / विशेष आकर्षण : सम्मेलन के उद्घाटन एवं समापन तथा अकादमिक सत्रों के प्रमुख अतिथियों, अध्यक्षों एवं संयोजकों के रूप में देश के लब्धप्रतिष्ठित मनीषियों, साहित्यप्रेमियों और राजनेताओं के उद्बोधनों का लाभ तथा श्रवणबेलगोला में विराजित तपस्वी दिगम्बर जैन श्रमण संघों और भट्टारकों के पावन दर्शन और तीर्थ वन्दना का सुअवसर | पुण्यार्जन सुयोग : विश्व में सर्वोत्तम कलाकृति गोम्मटेश बाहुबली के दर्शन, भारतीय इतिहास की धरोहर चन्द्रगिरि में सुरक्षित प्राचीन शिलालेखों और मन्दिरों का अवलोकन तथा श्री जैन मठ में सुरक्षित ताड़पत्रीय प्राचीन जैन शास्त्रों एवं दुर्लभ रत्न प्रतिमाओं के दर्शन आदि। जैन पुस्तक प्रदर्शनी: शताधिक मनीषियों द्वारा प्रकाशित हजारों जैन विद्या सम्बन्धी विशाल साहित्य की प्रदर्शनी एवं उनका प्रत्यक्ष अवलोकन / सम्मेलन में सम्मिलित हो रहे विद्वानों की परिचय पुस्तिका एवं इन द्वारा प्रस्तुत होने वाले शोध आलेखों की सार-संक्षेप पुस्तिका का लोकार्पण।।