Book Title: Jain Tattva Mimansa ki Samiksha Author(s): Chandmal Chudiwal Publisher: Shantisagar Jain Siddhant Prakashini Sanstha View full book textPage 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रयोमार्ग के ग्राहक बनिये। आचार्य श्री शांतिसागर जी की स्मृति में स्थापित श्री शांतिसागर जैन सिद्धांत प्रकाशिनी संस्था द्वारा यह पत्र निकलता है। इसके आदि प्रवर्तक स्व० स्याद्वाद बारिधि पं० खूबचन्दजी शास्त्री हैं | सम्पादक ७० श्रीला न जी जैन काव्यतीर्थ और व० सूरजमलजी शास्त्री हैं। प्रकाशक सेठ हीरालाल जी पाटनी हैं। धार्मिक लेखों से भरपूर, शास्त्र स्वरूप यह पत्र आचार्य श्री शांतिवीर नगर पो० श्रीमहावीरजी से मुद्रित है यह पत्र कोई समाचार पत्र नहीं है। वार्षिक मूल्य ६) छह रुपया है । तथा जो साल भर के ग्राहक बनते है उन्हें अनेक ग्रन्थ भी उपहार में मिलते हैं । तारीफ करना व्यर्थ है। आप भी इसके ग्राहक बनके देखिये और पढकर स्व-पर कल्याण कीजिये । ___ यह पत्र धर्म प्रचारार्थ मन्दिर-अजैन, लाइब्रेरी पुस्तकालय शास्त्र भण्डार, आदिको अर्द्ध मूल्य यानी ३) तीन रुपया वार्षिक में भेजा जाता है इसमें उपहार ग्रंथ नहीं मिलते हैं। निवेदक। सुरेन्द्र कुमार जैन श्रेयोमार्ग-कार्यालय आचार्य श्री शांति वीर नगर श्रीमहावीरजी (राजस्थान) For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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