Book Title: Jain Sanskrit Mahakavya Author(s): Satyavrat Publisher: Jain Vishva Bharati View full book textPage 7
________________ छह समालोचना का स्तर श्रेष्ठ है । उसमें अध्ययन की गम्भीरता परिलक्षित होती है। जैन विश्व भारती के कुलपति श्रीचन्दजी रामपुरिया तथा अन्य अधिकारी वर्ग ने प्रस्तुत पुस्तक का प्रकाशन कर जनता को यथार्थ से परिचित होने का अवसर दिया । संस्कृत काव्य के अनुशीलन ग्रंथों में यह पुस्तक उचित रूप में समादृत हो पाएगी । जैन विश्व भारती, लाडनूं दिनांक ३-११-८६ युवाचार्य महाप्रज्ञPage Navigation
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